September 21, 2024
Himachal

पूर्व कांग्रेस मंत्री कौल सिंह ठाकुर और युवा नेता आश्रय शर्मा में छिड़ी ज़ुबानी जंग

मंडी. हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के अलग-अलग पार्टियों में कोल्ड वॉर छिड़ा हुआ है. मंडी जिले के पूर्व कांग्रेस मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने युवा नेता आश्रय शर्मा पर शब्दों का धावा बोल दिया है। दोनों ने एक दूसरे पर तीखा हमला बोला है. कौल सिंह के बयान पर आश्रय ने पलटवार किया है. हिमाचल प्रदेश कांग्रेस महासचिव आश्रय शर्मा ने कौल सिंह ठाकुर पर हमला बोलते हुए कहा कि वो पंडित सुखराम परिवार पर उंगली उठाने से पहले अपने जनाधार का ध्यान रखें, जो वरिष्ठ मंत्री होते हुए भी स्वयं भी 2017 में हारे और उनकी बेटी भी भारी मार्जिन से हार गई.

उन्होंने कहा कि अनिल शर्मा के जनाधार पर उंगली उठाने वाले कौल सिंह ये जान लें कि अनिल शर्मा आजतक कभी कोई चुनाव नहीं हारे हैं. आश्रय ने कहा कि उन्होंने 2019 में मुश्किल दौर में कांग्रेस पार्टी के चिन्ह पर चुनाव लड़ा, जबकि कौल सिंह ने जब लोकसभा चुनाव 1998-99 में लड़ा था तो उनको मात्र 21 प्रतिशत वोट पड़े थे, जब कांग्रेस की स्थिति देश में मजबूत थी. आश्रय ने कहा कि कौल सिंह ठाकुर ने हमेशा धोखे की राजनीति की है और अपने पहले चुनाव से ही जनता पार्टी को धोखा देकर शुरुआत की, फिर 1993 में पंडित सुखराम को धोखा दिया, 2012 में वीरभद्र सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और उसके बाद जी -23 में शामिल होकर गांधी परिवार को भी धोखा दे दिया. आश्रय ने कहा कि बार बार अपनी रिटायरमेंट का ऐलान करने के बावजूद कौल सिंह खुद अपनी बात पर टिक नहीं पा रहे हैं और अब अपने पोते को भी आगे प्रोजेक्ट करने में लगे हुए हैं, जबकि उन्होंने खुद ही कहा था कि उनके बाद कोई महिला उनके क्षेत्र का प्रतिधिनित्व करेगी. उन्होंने कहा कि कौल सिंह की बातों को जनता अब गंभीरता से नहीं लेती है और उम्र के इस पड़ाव में इस तरह की बयानबाजी उन्हें शोभा नहीं देती.

इससे पहले, कांग्रेस के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता कौल सिंह ने कहा कि आश्रय को राजनीति की कुछ समझ नहीं है. जनता ने आश्रय को गंभीरता से लेना छोड़ दिया है. मंडी के लोगों को पता है कि धोखे की राजनीति कौन करता है. जो अपने पिता का नहीं हो सका, वह किसका होगा. अभी आने वाले समय में जनता बहुत कुछ बोलेगी, उसे सुनने के लिए आश्रय तैयार रहें। आया राम गया राम की राजनीति पर आश्रय चल रहे हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में आश्रय को करारी हार मिली. हार ने सुखराम परिवार का रिकॉर्ड तोड़ा. उपचुनाव में उसी जनता ने कांग्रेस को जिताया और अब दोबारा पलटी मारने को आश्रय तैयार हैं.

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