N1Live Chandigarh आप नेता, भाजपा ने चंडीगढ़ के चार गांवों में जमीन की नीलामी का विरोध किया
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आप नेता, भाजपा ने चंडीगढ़ के चार गांवों में जमीन की नीलामी का विरोध किया

21 जून को नीलामी में चार गांवों में 32 एकड़ जमीन कृषि उद्देश्यों के लिए पट्टे पर देने के नगर निगम के फैसले का आप के ही वरिष्ठ नेता प्रेम गर्ग और भाजपा पार्षदों ने विरोध किया है। उन्होंने आशंका जताई है कि आवंटी वर्षों तक जमीन हड़प सकते हैं, इसलिए उन्होंने मांग की है कि नगर निगम को खुद ही इन जमीनों पर पौधारोपण करना चाहिए।

मौजूदा मेयर कुलदीप कुमार धलोर आप से हैं। वे आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन के तहत मेयर चुने गए थे।

नगर निगम कार्यालय में होने वाली खुली नीलामी के लिए नगर निगम ने चाहर तरफ बुड़ैल और दादू माजरा में भूमि के लिए 30,000 रुपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष, खुड्डा लाहौरा में 25,000 रुपये प्रति एकड़ और खुड्डा अली शेर में 35,000 रुपये प्रति एकड़ का आरक्षित मूल्य तय किया है।

चहार तरफ बुड़ैल में 5.75 एकड़ जमीन नीलामी के लिए उपलब्ध है, जिसका कुल आरक्षित मूल्य 1.72 लाख रुपये है। खुड्डा लाहौरा में 15.5 एकड़ के लिए आरक्षित मूल्य 3.87 लाख रुपये और खुड्डा अली शेर में 5 एकड़ के लिए आरक्षित मूल्य 1.75 लाख रुपये तय किया गया है। दादू माजरा में 7 एकड़ जमीन नीलामी के लिए रखी जाएगी, जिसका आरक्षित मूल्य 2.10 लाख रुपये है।

आप के पूर्व संयोजक प्रेम गर्ग ने कहा, “200 करोड़ रुपये की जमीन को मात्र 10 लाख रुपये सालाना के हिसाब से भू-माफियाओं को सौंपा जा रहा है। नगर निगम सदन द्वारा एजेंडा पारित किए जाने के तीन दिन के भीतर ही नीलामी की घोषणा कर दी गई है। नीलामी के लिए सिर्फ तीन कार्य दिवसों का सार्वजनिक नोटिस दिया गया है।”

आप नेता ने कहा, “पट्टे की शर्तों के तहत, 10% की वार्षिक वृद्धि के साथ पांच साल के लिए पट्टा विस्तार का प्रावधान है।”

वरिष्ठ उप महापौर और भाजपा पार्षद कुलजीत सिंह ने यूटी प्रशासक बावरीलाल पुरोहित को पत्र लिखकर मांग की है कि मामले की जांच की जाए क्योंकि यह ‘आप और कांग्रेस द्वारा जमीन हड़पने का एक बेशर्म प्रयास है।’ एजेंडा पेश होने से पहले ही भाजपा पार्षद सदन से बाहर चले गए थे।

कुलजीत ने कहा, “निहित स्वार्थ वाले लोग सरकारी संपत्तियों पर कब्जा कर लेते हैं और फिर अधिकारियों के लिए इसे खाली करवाना मुश्किल हो जाता है। एमसी की कई अन्य संपत्तियां हैं, जो अभी भी अवैध कब्जे में हैं क्योंकि अदालती मामले चल रहे हैं।”

धनास के पूर्व सरपंच कुलजीत ने कहा, “इन गांवों की जमीनों को सरकार द्वारा चंडीगढ़ मास्टर प्लान 2031 के अनुसार विकसित किया जाना है। आप-कांग्रेस मेयर और गठबंधन पार्षदों की ऐसी नापाक साजिशें इन गांवों के विकास में बाधा उत्पन्न करेंगी।”

चंडीगढ़ ट्रिब्यून टीम द्वारा खुदा लाहौर के दौरे के दौरान एक बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा, “आरक्षित मूल्य ठीक है, लेकिन क्षेत्र को समतल करवाकर और जलापूर्ति व्यवस्था करके इसे और बढ़ाया जा सकता है।”

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