बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) की एंट्री से राजनीतिक समीकरण और दिलचस्प हो गए हैं। आप ने सभी 243 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है, जिससे एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच की सीधी टक्कर में एक नया मोड़ आ सकता है।
‘आप’ के वरिष्ठ नेता अनुराग ढांडा ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत की। उन्होंने कहा कि पार्टी बिहार में “काम की राजनीति” को बढ़ावा देना चाहती है, जैसा कि उसने दिल्ली और पंजाब में किया। बिहार की जनता बदलाव चाहती है और वह शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, और पानी जैसे बुनियादी मुद्दों पर आधारित उनके मॉडल को विकल्प के रूप में देख रही है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी। पार्टी सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी और चुनाव में मजबूती के साथ उतरेगी।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी बिहार में सभी विधानसभा सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ने जा रही है। भाजपा और कांग्रेस के बीच “गुप्त प्रेम संबंध” चल रहा है। वे चुपचाप गठबंधन कर रहे हैं और पर्दे के पीछे एक ही हैं। कांग्रेस भाजपा को चुनाव जिताने के लिए काम करती है। वहीं, भाजपा भी कांग्रेस के उन नेताओं को जेल से बचाने का काम करती हैं जिनके खिलाफ कई मामले चल रहे हैं। जनता इन दोनों पार्टियों की नीतियों से वाकिफ है। इसीलिए, अभी गुजरात और पंजाब की में हुए विधानसभा उपचुनावों में जनता ने भाजपा और कांग्रेस को नकार दिया।
बिहार विधानसभा चुनाव से मतदाता सूची पुनरीक्षण पर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि भाजपा का काम करने का तरीका बन गया है कि जिस राज्य में चुनाव होने होते हैं, वहां मतदाता सूची के साथ छेड़छाड़ करती है। दिल्ली चुनाव में आपने देखा ही होगा, अरविंद केजरीवाल की विधानसभा क्षेत्र में डेढ़ लाख में से 50 हजार वोट कटवा दिए गए। दिल्ली विधानसभा चुनाव में इसका परिणाम सभी ने देखा है।