N1Live Himachal आत्मनिर्भर भारत प्रदर्शनी भारत की आत्मनिर्भरता को दर्शाती है
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आत्मनिर्भर भारत प्रदर्शनी भारत की आत्मनिर्भरता को दर्शाती है

Aatmanirbhar Bharat Exhibition showcases India's self-reliance

दूरदर्शी डेस्टिनेशन हिमाचल @2025 पहल के तहत आयोजित आत्मनिर्भर भारत प्रदर्शनी का भव्य समापन एक प्रेरणादायक पुरस्कार समारोह के साथ संपन्न हुआ, जिसमें भारत की नवाचार, विज्ञान और आत्मनिर्भरता की गहरी भावना का जश्न मनाया गया।

इस कार्यक्रम में सरकारी विभागों, वैज्ञानिक संस्थानों और उभरते जमीनी स्तर के उद्यमों को एक साथ लाया गया। कांगड़ा से सांसद और प्रदर्शनी के मुख्य संरक्षक डॉ. राजीव भारद्वाज ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया। अपने संबोधन में डॉ. भारद्वाज ने जमीनी स्तर पर नवाचार को बढ़ावा देने, स्थानीय उद्योगों को समर्थन देने और युवा पीढ़ी को प्रेरित करने में ऐसे आयोजनों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने आग्रह किया कि रचनात्मकता और समस्या-समाधान की संस्कृति को और बढ़ावा देने के लिए हिमाचल प्रदेश में इसी तरह की प्रदर्शनियाँ आयोजित की जानी चाहिए।

इस कार्यक्रम के मुख्य आकर्षणों में अग्रणी राष्ट्रीय संस्थानों को दिए गए सम्मान शामिल थे। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) को उसके प्रभावशाली सूचना प्रदर्शन के लिए सराहना मिली, जिसमें रक्षा और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों में अगली पीढ़ी की प्रगति को प्रदर्शित किया गया। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) को उसके शिक्षा-केंद्रित प्रदर्शन के लिए मान्यता मिली, जिसमें सार्वजनिक स्वास्थ्य अनुसंधान और आउटरीच के महत्व को रेखांकित किया गया। कॉयर बोर्ड को उसके टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल उत्पाद प्रदर्शन के लिए सराहना मिली, जबकि वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) अपने अत्याधुनिक वैज्ञानिक नवाचारों की प्रस्तुति के लिए सबसे आगे रहा।

प्रदर्शनी ने व्यापक जनहित को आकर्षित किया, जिसमें 800 से अधिक छात्र और 400 किसान शामिल हुए, जिन्होंने उत्साहपूर्वक संवादात्मक सत्रों और शिक्षण प्रदर्शनों में भाग लिया। एमएसएमई, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और परमाणु ऊर्जा मंत्रालयों सहित केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों द्वारा समर्थित इस प्रदर्शनी ने अक्षय ऊर्जा, टिकाऊ कृषि, आदिवासी कला और शिल्प तथा स्वदेशी प्रौद्योगिकियों जैसे क्षेत्रों में भारत की बढ़ती क्षमताओं की एक आकर्षक झलक पेश की।

इससे पहले दिन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने प्रदर्शनी का उद्घाटन किया और कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की। हिमाचल प्रदेश को “सभी मौसमों, सभी क्षेत्रों की भूमि” बताते हुए राज्यपाल ने राज्य की समृद्ध प्राकृतिक विविधता, कृषि-संचालित अर्थव्यवस्था और उभरती हुई तकनीकी प्रगति की सराहना की। अपने मुख्य भाषण में उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि हिमाचल किस तरह नवाचार और सामाजिक सुधार के लिए एक मॉडल बन रहा है, उन्होंने भारत की विकास यात्रा में राज्य के योगदान को वैश्विक मान्यता देने का आग्रह किया।

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