कोलकाता, 4 जून । पश्चिम बंगाल में डायमंड हार्बर लोकसभा सीट से तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी लोकसभा चुनावों के इतिहास में सबसे बड़ी जीत की तरफ बढ़ रहे हैं। वह सात लाख से ज्यादा मतों के अंतर से आगे चल रहे हैं।
भाजपा की प्रीतम मुंडे ने अक्टूबर 2014 में महाराष्ट्र की बीड लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में 6,96,321 वोट के अंतर से जीत हासिल की थी जो अब तक सबसे बड़ा जीत का अंतर है। उनके पिता गोपीनाथ मुंडे की एक सड़क हादसे में मृत्यु के बाद यह सीट खाली हुई थी।
इसके बाद, दूसरा सबसे बड़ा जीत का अंतर 2019 में दर्ज किया गया जब भाजपा के ही सी.आर. पाटिल ने गुजरात की नवसारी सीट पर 6.89 लाख वोटों से जीत दर्ज की।
चुनाव आयोग की वेबसाइट के अनुसार, शाम पांच बजे तक डायमंड हार्बर से अभिषेक बनर्जी अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के अभिजीत दास (बॉबी) से 7.07 लाख से ज्यादा मतों से आगे हैं। बनर्जी को 10 लाख 42 हजार से ज्यादा और दास को 3.35 लाख से ज्यादा मत मिल चुके हैं।
अभिषेक बनर्जी ने 2019 के चुनावों में डायमंड हार्बर में 3.20 लाख से ज़्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी।
इस साल उन्होंने जीत का अंतर चार लाख से ज़्यादा करने का लक्ष्य रखा था।
हालांकि, तृणमूल कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों की मानें तो पिछले रिकॉर्ड से भी ज्यादा अंतर से जीत की उम्मीद उन्हें नहीं थी।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि अभिषेक बनर्जी के शानदार प्रदर्शन के पीछे कई कारक हैं।
सबसे पहले, अल्पसंख्यक मतदाता, जो निर्वाचन क्षेत्र में बड़ी संख्या में हैं, ने बनर्जी के पक्ष में जमकर मतदान किया। न तो माकपा और न ही ऑल इंडिया सेक्युलर फ्रंट (एआईएसएफ) सत्तारूढ़ पार्टी के उस समर्पित वोट बैंक में कोई ख़ास सेंध लगा पाए।
दूसरा कारक डायमंड हार्बर से भाजपा द्वारा उम्मीदवार की घोषणा में देरी रही।
उनके अनुसार, तीसरा कारक राज्य सरकार की प्रत्यक्ष हस्तांतरण लाभ योजना है जिसने इस व्यापक जीत में काफी योगदान दिया है।
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