चंडीगढ़, 11 जुलाई आवासीय क्षेत्रों में स्टिल्ट-प्लस-चार मंजिल निर्माण नीति का विरोध कर रहे रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों का समर्थन करते हुए हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि या तो इसके क्रियान्वयन को रोका जाए या इसे नए क्षेत्रों तक सीमित रखा जाए।
यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब 268 रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों के संगठन हरियाणा राज्य हुडा सेक्टर परिसंघ ने विरोध प्रदर्शन की रूपरेखा तय करने के लिए 14 जुलाई को राज्य स्तरीय बैठक आयोजित करने की योजना बनाई है।
सीएम नायब सिंह सैनी को लिखित रूप में दी गई स्पीकर की “सिफारिशें” विरोध कर रहे आरडब्ल्यूए के लिए एक बड़ी राहत की तरह हैं। सीएम को लिखे अपने पत्र में स्पीकर ने आवासीय सेक्टरों में इस तरह के निर्माण की अनुमति देने पर निवासियों की चिंताओं को उजागर किया है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पंचकूला शहर के 5,000 निवासियों द्वारा हस्ताक्षरित एक ज्ञापन पर विचार नहीं किया गया, जिससे “गंभीर आक्रोश” पैदा हुआ।
उन्होंने कहा है कि इस तरह के निर्माण की अनुमति देने से शहर के मास्टरप्लान में बाधा उत्पन्न होगी, निवासियों की निजता का उल्लंघन होगा, मौजूदा बुनियादी ढांचे और सूर्य के प्रकाश पर बोझ पड़ेगा तथा नई नीति में “पड़ोसी की अनुमति” के प्रावधान को देखते हुए पड़ोसियों के बीच दुश्मनी पैदा होगी।
गुप्ता ने यह भी अनुरोध किया है कि या तो नीति के क्रियान्वयन को रोक दिया जाए या नए क्षेत्रों तक सीमित रखा जाए। संयोग से, उन्होंने इस मुद्दे पर सीएम से भी मुलाकात की है। परिसंघ का मानना है कि अगर सरकार नीति को रोकने में विफल रहती है, तो आरडब्ल्यूए विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के खिलाफ अभियान चलाने से पीछे नहीं हटेंगे।
“पिछले साल, जब यह प्रस्ताव पहली बार आया था, तो हमने इसके खिलाफ़ दो लाख निवासियों से हस्ताक्षर करवाए थे। हम इसे सीएम को देंगे। पिछले साल हमारी रैली से पहले, सरकार ने घोषणा की थी कि नीति को स्थगित रखा जा रहा है और इसकी व्यवहार्यता का अध्ययन करने के लिए एक समिति गठित की गई है। हमें उम्मीद है कि सरकार जनता की भावनाओं को ध्यान में रखेगी,” परिसंघ के संयोजक यशवीर मलिक ने कहा।