अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) विभिन्न छात्र-संबंधी मांगों पर ध्यान आकर्षित करने के लिए 3 दिसंबर को राज्य सरकार के खिलाफ धर्मशाला में विशाल विरोध प्रदर्शन करेगी।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने राज्य सरकार से छात्र केंद्रीय संघ (SCA) के चुनाव बहाल करने, सरदार पटेल विश्वविद्यालय (SPU), मंडी के अधिकार क्षेत्र का विस्तार करने, सीएसके हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर, हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय, हमीरपुर और डॉ. वाईएस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी में स्थायी कुलपति नियुक्त करने की माँग की है। छात्र संगठन सरकार से राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 2020 को पूरी तरह से लागू करने, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (HPU) और SPU में मूल्यांकन प्रक्रियाओं को सुदृढ़ करने, युवाओं को नियमित रोज़गार प्रदान करने और राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था और बढ़ते नशे के खतरे के खिलाफ कार्रवाई करने की भी माँग करेगा।
एबीवीपी कार्यकर्ता भवानी ठाकुर ने कहा कि राज्य भर के छात्र लगातार विभिन्न मुद्दों से जूझ रहे हैं, लेकिन सरकार ने इन चिंताओं के प्रति कोई संवेदनशीलता नहीं दिखाई है। उन्होंने कहा, “विश्वविद्यालयों में नेतृत्व शून्यता, ध्वस्त होता बुनियादी ढाँचा, अधूरी मूल्यांकन प्रक्रियाएँ, रोज़गार के झूठे दावे और स्कूलों-कॉलेजों को राजनीतिक प्रयोगशालाओं में बदलने की प्रवृत्ति ने छात्रों के भविष्य को खतरे में डाल दिया है।”
उन्होंने आगे कहा, “एबीवीपी का मानना है कि राज्य में शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति और प्रभावी कार्रवाई की आवश्यकता है। चूँकि राज्य सरकार इन मुद्दों की अनदेखी कर रही है, इसलिए एबीवीपी ने यह विरोध प्रदर्शन करके लोकतांत्रिक रास्ता अपनाने का फैसला किया है ताकि सरकार छात्रों की आवाज़ सुन सके।”

