जोधपुर, 19 जनवरी । अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की दो-दिवसीय केंद्रीय कार्यसमिति बैठक का शनिवार को राजस्थान के जोधपुर स्थित रघुवंशपुरम आश्रम में शुभारंभ हुआ। बैठक में शैक्षिक, सामाजिक, संगठनात्मक, पर्यावरणीय, सांस्कृतिक, खेल और सेवा जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहन चर्चा की जाएगी और आगामी कार्यों की योजना तैयार की जाएगी। देश के हर राज्य से कुल 102 प्रतिनिधि इस बैठक में भाग ले रहे हैं। बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह-सरकार्यवाह मुकुंद सीआर विशेष रूप से उपस्थित रहे।
बैठक में वर्तमान शैक्षिक, राष्ट्रीय एवं सामाजिक परिस्थितियों पर चर्चा के साथ “विचार बैठक 2025” के स्वरूप और प्रारूप, 70वें राष्ट्रीय अधिवेशन (2024-25) की समीक्षा और विद्यार्थियों से जुड़े मुद्दों के अनुवर्तन पर विचार किया गया। “परिसर चलो अभियान,” भारतीय गणतंत्र के 75 वर्ष, स्वामी दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती, रानी दुर्गावती की पंचशती पूर्ति और संघ शताब्दी वर्ष जैसे विशेष अभियानों की योजनाएं बनाई गईं। संगठनात्मक कार्यों और विश्वविद्यालय पाठ्यक्रम सुधार पर चर्चा के साथ आगामी वर्षों (2025-26 और 2026-27) की योजनाओं के लिए सुझाव दिए गए। सदस्यता अभियान और महाविद्यालय इकाइयों की प्रगति की समीक्षा भी की गई।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री वीरेंद्र सोलंकी ने बताया कि सत्र 2024-25 में देश भर में कुल 57,82,877 विद्यार्थियों ने अभाविप की सदस्यता ली है। विगत वर्ष की तुलना में लगभग आठ लाख से अधिक विद्यार्थीयों ने अभाविप की सदस्यता ग्रहण की। बैठक के पहले दिन शिक्षा से जुड़े कई मुद्दों पर गहन चिंतन किया गया जिसमे देश भर के शैक्षिक परिसरों में चल रही अनियमितताओं, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन, शैक्षिक संस्थानों में हो रही शुल्क वृद्धि और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आदि बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा हुई।
अभाविप के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजशरण शाही ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा और सांस्कृतिक मूल्यों का समावेश समय की आवश्यकता है। उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर देते हुए कहा कि इसे देश की प्रकृति और संस्कृति के अनुरूप विकसित किया जाना चाहिए।
अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सोलंकी ने बताया कि केंद्रीय कार्यसमिति की इस बैठक में छात्र आंदोलन की दिशा और दशा पर चर्चा के साथ-साथ युवाओं को राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करने के उपायों पर भी विचार किया जाएगा। यह बैठक युवा शक्ति को संगठित कर राष्ट्र के विकास में उनके योगदान को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इसके अतिरिक्त, कार्यकर्ताओं की क्षमता विकास के लिए विशेष कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा, जिससे संगठन की कार्यप्रणाली को और सशक्त बनाया जा सके। तकनीकी प्रगति के युग में विद्यार्थियों को नवाचार और तकनीकी के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। संगठन द्वारा तकनीकी जागरूकता और डिजिटल कार्यक्रमों को प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही, युवाओं को स्वरोजगार और स्टार्टअप के प्रति प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।