रांची, 12 सितंबर । रांची में जमीन की हेराफेरी और भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में झारखंड के एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने बुधवार को झारखंड प्रशासनिक सेवा के दो अधिकारियों के रांची, हजारीबाग, गिरिडीह और चाईबासा में कई ठिकानों पर लगातार आठ-नौ घंटे छापेमारी की। इसके बाद एसीबी ने हजारीबाग के एसडीओ शैलेश कुमार और पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) जिले के नोवामुंडी के अंचल अधिकारी मनोज कुमार को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। इन दोनों को रांची लाया जा रहा है।
खास बात यह है कि ये दोनों अधिकारी रांची के बड़गाईं अंचल के बहुचर्चित जमीन घोटाले में ईडी के गवाह रहे हैं। ईडी ने इसी घोटाले में झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था।
एसीबी ने बुधवार सुबह दोनों अधिकारियों और उनके परिवार से जुड़े लोगों के ठिकानों पर दबिश दी थी। हजारीबाग के एसडीओ शैलेश कुमार के सरकारी कार्यालय एवं आवास के अलावा गिरिडीह में उनके पिता उदय शंकर प्रसाद और भाई रिंकू सिन्हा के आवास की तलाशी दोपहर तीन बजे तक जारी रही। इसके बाद उनसे पूछताछ भी हुई। इसी तरह नोवामुंडी अंचल कार्यालय और सीओ मनोज कुमार के अस्थायी आवास और उनके रांची स्थित आवास पर भी घंटों तलाशी ली गई। इस छापेमारी में एसीबी के 60 से भी ज्यादा अफसर और पुलिसकर्मी लगाए गए थे। ये दोनों अफसर रांची के बड़गाईं अंचल में सीओ के रूप में पोस्टेड रहे हैं।
एसीबी ने आधिकारिक तौर पर बताया है कि भ्रष्टाचार के मामले में राज्य सरकार से जांच का आदेश मिलने के बाद एसीबी ने बड़गाईं अंचल के पूर्व सीओ मनोज कुमार और शैलेश कुमार के खिलाफ जांच शुरू की है। एसीबी ने कोर्ट को इस मामले में विधिवत सूचना देकर जांच आगे बढ़ाई है। जांच के दौरान बड़गाई के पूर्व सीओ मनोज कुमार और शैलेश कुमार के खिलाफ साक्ष्य मिले, जबकि और साक्ष्य जुटाने के उद्देश्य से एसीबी ने कोर्ट से वारंट लिया। इसके बाद इन अधिकारियों के पोस्टिंग वाले कार्यालयों और आवासों पर छापेमारी की गई।
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