हिमाचल प्रदेश सरकार के लक्षित और दूरदर्शी शिक्षा सुधारों के स्पष्ट और प्रभावशाली परिणाम दिखने लगे हैं, जिससे राज्य की शैक्षिक व्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव आ रहा है। यह बात विधायक चंद्र शेखर ने कल मंडी जिले के चोलथरा स्थित शहीद कैप्टन दीपक गुलेरिया सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय और मंडप स्थित सरकारी मॉडल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में आयोजित वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोहों को संबोधित करते हुए कही।
शिक्षा को सुदृढ़ करने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए शेखर ने कहा, “शिक्षा को राज्य के विकास एजेंडे के केंद्र में रखा गया है। छात्रों को, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, गुणवत्तापूर्ण, आधुनिक और प्रतिस्पर्धी शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य सरकार सीबीएसई पैटर्न के 100 नए स्कूल स्थापित कर रही है।” उन्होंने घोषणा की कि इन स्कूलों में कक्षाएं आगामी शैक्षणिक सत्र से शुरू होंगी।
विधायक ने आगे बताया कि सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से अंग्रेजी माध्यम की शुरुआत और सीबीएसई स्कूलों का विस्तार सरकार की दूरदर्शी शिक्षा नीति के अभिन्न अंग हैं। उन्होंने कहा कि इन सुधारों के परिणामस्वरूप हिमाचल प्रदेश ने राष्ट्रीय शिक्षा रैंकिंग में उल्लेखनीय प्रगति की है और देश में 21वें स्थान से पांचवें स्थान पर पहुंच गया है।
उन्होंने आगे कहा कि कक्षा 1 से कक्षा 12 तक की शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए, स्कूल शिक्षा का एक अलग निदेशालय स्थापित किया गया है, जिससे नीति निर्माण में तेजी और प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित होगा।
समारोह के दौरान, चोलथरा स्थित सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रधानाचार्य कमलेश ठाकुर और मंडप स्थित सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रधानाचार्य अनिल कुमार ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत कीं। रिपोर्टों में शैक्षणिक उपलब्धियों, खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों तथा स्कूल के बुनियादी ढांचे में हुए सुधारों का विस्तृत विवरण दिया गया। विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पर विशेष बल दिया गया।
छात्रों को संबोधित करते हुए विधायक चंद्र शेखर ने उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद, सांस्कृतिक और रचनात्मक गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने छात्रों से नशे से दूर रहने का आग्रह करते हुए कहा कि जीवन में सफलता की कुंजी स्पष्ट लक्ष्य, अनुशासन और निरंतर परिश्रम है।
इस अवसर पर उन्होंने चोलथरा स्कूल परिसर में सुरक्षा दीवार के निर्माण के लिए 5 लाख रुपये के अनुदान की घोषणा की। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि स्कूल में बास्केटबॉल कोर्ट की दिशा बदलने के लिए आवश्यक धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी ताकि इसकी उपयोगिता में सुधार हो सके।
इन कार्यक्रमों के दौरान मेधावी छात्रों को सम्मानित किया गया, जिससे उनका मनोबल बढ़ा और उन्हें भविष्य में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरणा मिली।


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