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मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में क्यों लागू हुआ ड्रेस कोड, आचार्य पवन त्रिपाठी ने किया स्पष्ट

Acharya Pawan Tripathi clarified why the dress code was implemented in Mumbai's Siddhivinayak temple.

मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर ने भक्तों के लिए एक नया दिशा-निर्देश जारी किया है। मंदिर प्रशासन के अनुसार, 30 जनवरी से मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड लागू किया जाएगा। इस नई व्यवस्था के तहत, स्कर्ट, कटे-फटे कपड़े और रिवीलिंग ड्रेस पहनकर मंदिर में प्रवेश नहीं मिलेगा।

सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष आचार्य पवन त्रिपाठी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि मुंबई स्थित सिद्धिविनायक मंदिर सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के सनातनी और गणेश भक्तों के आस्था का एक प्रमुख केंद्र है। यहां पर लाखों लोग दर्शन के लिए आते हैं और यहां आने वाले श्रद्धालुओं के जीवन की मनोरथ पूरी होती है। लेकिन, जब लोग किसी पवित्र स्थल पर जाते हैं, तो वहां कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक होता है, ताकि उस स्थान की पवित्रता बनी रहे।

उन्होंने आगे कहा कि यह निर्णय मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के सुझावों के आधार पर लिया गया है। कई भक्तों ने मंदिर में दर्शन करने के दौरान कुछ श्रद्धालुओं के पहनावे को लेकर चिंता व्यक्त की थी, जिनके कपड़े शालीन नहीं होते थे। इस पर विचार करते हुए, सिद्धिविनायक ट्रस्ट ने निर्णय लिया कि दर्शन के लिए आने वालों को शालीन कपड़े पहनने होंगे। यह कोई राजनीति का विषय नहीं है। यह एक धार्मिक और आस्था से जुड़ा मामला है। जब लोग किसी मंदिर में जाते हैं, तो वह सामान्यत: स्नान कर, अच्छे और शालीन कपड़े पहनकर जाते हैं। हम यही चाहते हैं कि मंदिर में आने वाले श्रद्धालु इसका पालन करें। श्रद्धालुओं तक धीरे-धीरे इस नियम के बारे में जानकारी पहुंचेगी और वे इसका पालन करेंगे।

आचार्य पवन त्रिपाठी ने आगे कहा कि देशभर में कई मंदिरों में ड्रेस कोड लागू है और वहां जाने वाले श्रद्धालु पहले से ही इन नियमों से परिचित होते हैं। हमें विश्वास है कि सिद्धिविनायक मंदिर में भी यह नियम समय के साथ स्वीकृत हो जाएगा और श्रद्धालु इसका पालन करेंगे। यह निर्णय सिर्फ़ सिद्धिविनायक मंदिर की पवित्रता और भक्तों की आस्था को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

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