मुंबई, 26 दिसंबर । अभिनेता अविनाश तिवारी के सबसे अच्छे दोस्त अब भी वही हैं जो स्कूल में थे। उनके साथ शरारतें भी कीं और शानदार समय भी बिताया। उस दौर में एक्टर ने बंक भी खूब मारा। अब वर्षों बाद उन्होंने इसकी वजह बताई है।
अविनाश ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “मैंने कई बार बंक मारी है..मैं माटुंगा जिमखाना में बच्चों को क्रिकेट की कोचिंग लेते हुए देखता था। गार्डन में जाता था और लोगों को देखता था, बहुत सारे सपने देखता था।”
क्या वह फिर से स्कूल जाने के लिए अपनी जिंदगी बदलना चाहेंगे?
इस पर अभिनेता ने कहा, “मेरा स्कूल अभी भी मेरे जीवन का एक अहम हिस्सा है। आज भी मेरे सबसे करीबी दोस्त स्कूल से हैं। व्हाट्सएप पर मेरे दोस्तों में से सबसे ज्यादा लोग मेरे स्कूल से है। हम साल में कम से कम एक बार मिलते हैं। मुझे स्कूल वापस जाने की जरूरत नहीं है, यह अभी भी मेरे जीवन का अहम हिस्सा है।”
उन्होंने कहा कि दादर पारसी यूथ्स असेंबली हाई स्कूल ने उन्हें कई चीजें दी हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्हें दोस्तों का एक समूह मिला है। हम क्रिकेट खेलते थे, डांस करते थे, नाटक करते थे, कविता करते थे, खेलकूद करते थे, जश्न मनाते थे।”
अभिनेता हाल ही में अपने स्कूल के वार्षिकोत्सव पर गए थे। उन्होंने कहा, “मैं राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के मंचों तक पहुंचने के लिए खुद को भाग्यशाली मानता हूं, लेकिन मैंने कभी इतना नर्वस महसूस नहीं किया। वार्षिक समारोह के लिए मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किए जाने पर मुझे सम्मानित महसूस हुआ।”
“मुझे ऐसा लगा जैसे मैं एक स्कूली बच्चे की तरह वार्षिक दिवस पर जाने और प्रदर्शन करने के लिए अपने पल का इंतजार कर रहा हूं,यह सब वापस आता है, जिससे आपको एहसास होता है कि आपका स्कूल आपको आज जो कुछ भी बनाता है, उसमें कितना महत्वपूर्ण है।”
अविनाश को हाल ही में नीरज पांडे द्वारा निर्देशित ‘सिकंदर का मुकद्दर’ फिल्म में देखा गया था। ‘सिकंदर का मुकद्दर’ एक डकैती, एक जिद्दी पुलिस अधिकारी की एक दिलचस्प कहानी है। फिल्म में दिव्या दत्ता और जोया अफरोज भी हैं।
थ्रिलर अपराध, जुनून और न्याय की खोज पर आधारित है।
अविनाश को कुणाल खेमू द्वारा निर्देशित डार्क कॉमेडी “मडगांव एक्सप्रेस” में भी देखा गया था, जो उनके निर्देशन में बनी पहली फिल्म थी और एक्सेल एंटरटेनमेंट द्वारा निर्मित थी। इसमें दिव्येंदु, प्रतीक गांधी, नोरा फतेही, उपेंद्र लिमये और छाया कदम जैसे कलाकार भी हैं।
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