पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री की जानी-मानी अभिनेत्री नीरू बाजवा इन दिनों फिल्म ‘तेहरान’ को लेकर सुर्खियां बटोर रही हैं। उन्होंने बताया कि फिल्म इंडस्ट्री में जगह बनाने के लिए झूठ का सहारा लेना पड़ा था।
अभिनेत्री ने आईएएनएस से खास बातचीत की थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि कनाडा से आने वाले लोगों को लेकर इंडस्ट्री में एक गलत धारणा थी, इसलिए उन्होंने सबसे कहा था कि वह चंडीगढ़ की रहने वाली हैं।
नीरू ने कहा, “इंडस्ट्री में पहले लोगों को लगता था कि अगर आप कनाडा से हो, तो आपको स्थानीय भाषा अच्छे से नहीं आती होगी और आप अच्छे से भारतीय या पंजाबी भाषा नहीं बोल पाओगे। इसलिए मैं लोगों से झूठ बोला करती थी कि मैं चंडीगढ़ की रहने वाली हूं और सबसे भारतीय लहजे में बात करती थी, क्योंकि मैं इस सोच से तंग आ गई थी। साथ ही, मैं ये भी जानती थी कि उन्हें कितना भी समझाओ, वे नहीं मानेंगे।”
उन्होंने किरदार की तैयारी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जासूसी फिल्मों ने इस किरदार के लिए उनकी बहुत मदद की। नीरू ने बताया कि किरदार के फिजिकल लैंग्वेज को समझने के लिए उन्होंने ढेरों जासूसी फिल्में देखीं।
उन्होंने कहा, “मैंने किरदार के लिए कोई खास तैयारी नहीं की थी। सिर्फ जासूसी फिल्में देखकर किरदारों की चाल-ढाल, हाव-भाव और शारीरिक भाषा को समझा।”
इस सहज तरीके से उन्हें सेट पर स्वाभाविक अभिनय करने में मदद मिली, जिससे उनके किरदार में और भी गहराई आई।
नीरू ने अपने को-एक्टर जॉन अब्राहम की तारीफ करते हुए कहा, “जॉन बहुत विनम्र और सकारात्मक इंसान हैं। उन्होंने सेट पर सभी को सहज रखा, जिससे हमारा काम और भी बेहतर हुआ।”
वर्कफ्रंट की बात करें तो अभिनेत्री हाल ही में ‘तेहरान’ में जॉन अब्राहम के साथ एक दमदार भूमिका में नजर आई थीं।