मुजफ्फरपुर, 23 फरवरी । बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके. पाठक की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। विधानसभा में विपक्ष जहां अधिकारी केके. पाठक के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर हंगामा कर रहा है, वहीं मुजफ्फरपुर की एक अदालत में गुरुवार को पाठक के खिलाफ एक परिवाद पत्र दाखिल किया गया है।
मुजफ्फरपुर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में अधिवक्ता विनोद कुमार ने केके. पाठक के खिलाफ भादवि की धारा 500 तथा 506 के तहत परिवाद पत्र दायर किया है।
परिवाद पत्र में आरोप लगाया गया है कि 21 फरवरी को अधिकारी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हो रही बैठक में शिक्षकों के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए कहा कि सभी शिक्षकों को 9 बजकर 15 मिनट पर किसी हाल में स्कूल में पहुंच जाना है और साफ-सफाई करना है।
अधिवक्ता ने कहा है कि यह बयान शिक्षकों के मान-सम्मान को ठेस पहुंचाने वाला है। परिवाद पत्र में यह भी कहा गया है कि मेरी पत्नी भी शिक्षक हैं, जिससे मेरी भावनाएं भी आहत हुई है। ऐसे अधिकारी पर कार्रवाई करने का आग्रह किया गया है। अधिवक्ता विनोद कुमार ने बताया कि इस मामले की सुनवाई की तिथि चार मार्च को मुकर्रर की गई है।
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