हरियाणा राज्य प्रवर्तन ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) नवदीप सिंह विर्क ने जांच अधिकारियों और एसएचओ को संबंधित विभागों के साथ समन्वय मजबूत करने और समय-समय पर विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया है। आज यहां एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि अवैध खनन को रोका जाना चाहिए क्योंकि अवैध खनन और अवैध शराब की बिक्री दोनों से सरकारी खजाने को काफी नुकसान होता है।
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि पुलिस स्टेशनों में दर्ज सभी मामलों के लिए मासिक अपराध समीक्षा बैठकें आयोजित की जाएं ताकि जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके और उनका समय पर निपटारा हो सके।
उन्होंने 2025 के प्रवर्तन आंकड़ों को साझा करते हुए कहा कि खनन क्षेत्र में ब्यूरो ने 6,697 स्थलों और 2,559 वाहनों की जांच की, 1,250 मामले दर्ज किए, 1,263 आरोपियों को गिरफ्तार किया और 1,095 मामलों का निपटारा किया। कुल 18.86 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया, जिसमें से 8.64 करोड़ रुपये वसूल किए गए।
आबकारी एवं कराधान विभाग की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि विभाग लाइसेंस धारकों द्वारा शराब की बिक्री पर निगरानी रखता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अवैध भारतीय या विदेशी शराब की बिक्री न हो। 2025 में, शराब की तस्करी पर नकेल कसने के अभियान के तहत 6,528 स्थानों की जाँच की गई, 181 मामले दर्ज किए गए और 318 मामलों का निपटारा किया गया। इन अभियानों के दौरान 9,427.945 लीटर भारतीय निर्मित शराब (आईएमएफएल), 21,630.412 लीटर देसी शराब और 5,885.95 लीटर बीयर जब्त की गई। इसके अलावा, 32 वाहन जब्त किए गए और 231 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
राज्य के मुख्यतः ग्रामीण स्वरूप और एनसीआर से निकटता के कारण शहरीकरण की तीव्र गति का हवाला देते हुए, एडीजीपी ने कहा कि शहरों के आसपास अनधिकृत कॉलोनियों का विस्तार एक चुनौती है। उन्होंने कहा कि नगर एवं ग्रामीण नियोजन विभाग से प्राप्त शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करना उनकी प्राथमिकता बनी हुई है।


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