आदि कर्मयोगी अभियान गुजरात के कस्बे-कस्बे में चलाया जाएगा। आदिवासी विकास मंत्री डॉ. कुबेर डिंडोर ने कहा कि अभियान को सफल बनाने के लिए जनजातीय विकास विभाग से संबंधित विभागों को भी शामिल किया गया है।
आदिवासी विकास मंत्री डॉ.कुबेर डिंडोर ने गांधीनगर में अभियान की जानकारी देते हुए बताया कि आदि कर्मयोगी अभियान जनजातीय नेतृत्व निर्माण के लिए भारत का सबसे बड़ा जन आंदोलन है, जिसका उद्देश्य जनजातीय क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर शासन और सेवा वितरण में आमूल-चूल परिवर्तन लाना है। यह अभियान सेवा, समर्पण और संकल्प से प्रेरित है। इस अभियान का उद्देश्य भारत के जनजातीय क्षेत्रों में बहु-स्तरीय क्षमता निर्माण और नेतृत्व विकास के माध्यम से एक जन-केंद्रित शासन प्रणाली और उत्तरदायी शासन प्रणाली को संस्थागत बनाना है। यह अभियान प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी महाअभियान (पीएम-जनमन) और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (डीए-जेजीयूए) के व्यापक ढांचे से जुड़ा है। यह अभियान जनजातीय कार्य मंत्रालय (एमओटीए) द्वारा चलाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर किया है। आदिवासियों के प्रति प्रधानमंत्री की संवेदनशीलता और दूरदर्शिता आदि कर्मयोगी कार्यक्रम में देखी जा सकती है। यह अभियान उनके दूरदर्शी नेतृत्व का परिणाम है। पीएम-जनमन और डीए-जेजीयूए आदि कर्मयोगी अभियान से जुड़े हैं। यह अभियान भारत के 0.1 लाख आदिवासी बहुल गांवों, 3,000 आदिवासी तालुकाओं, 550 से अधिक आदिवासी जिलों और 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कवर करता है।
मंत्री डिंडोर ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में, यह अभियान गुजरात के 15 आदिवासी जिलों, 94 तालुकाओं और 4,245 गांवों में चलाया जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत, 20 लाख परिवर्तनकारी नेतृत्वकर्ता कार्यकर्ताओं को तैयार करने पर जोर दिया जा रहा है। ये युवा नेता आदिवासी लोगों की समस्याओं और जरूरतों को समझकर उनका समाधान करने का काम करेंगे। गुजरात सरकार ने राज्य में आदि कर्मयोगी अभियान को बड़े पैमाने पर शुरू किया है, जिसका उद्देश्य जनजातीय क्षेत्रों में नेतृत्व निर्माण और सेवा वितरण में सुधार लाना है।
जनजातीय विकास राज्य मंत्री कुंवरजी हलपति ने बताया कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए जनजातीय विकास विभाग के साथ अन्य संबंधित विभागों की भी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की गई है। अभियान सेवा, समर्पण और संकल्प की भावना से प्रेरित है और इसका उद्देश्य जनजातीय क्षेत्रों में बहु-स्तरीय क्षमता निर्माण और जिम्मेदार शासन प्रणाली को सुदृढ़ करना है।
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