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भाजपा का दामन छोड़ इनेलो में शामिल हुए आदित्य देवीलाल, डबवाली सीट से लड़ेंगे चुनाव

Aditya Devi Lal leaves BJP and joins INLD, will contest elections from Dabwali seat

सिरसा, 8 सितंबर । हरियाणा भाजपा के नेता रहे आदित्य देवीलाल ने रविवार को इनेलो का दामन थाम लिया। वह अभय चौटाला की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुए। इसके साथ ही अभय चौटाला ने उन्हें डबवाली सीट से उम्मीदवार घोषित किया।

आदित्य देवीलाल ने अभी हाल ही में हरियाणा कृषि मार्केटिंग बोर्ड के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था। विधानसभा चुनाव में भाजपा से टिकट न मिलने के कारण वह नाराज चल रहे थे। इनेलो में शामिल होने से पहले आदित्य देवीलाल ने अपने ताऊ चौधरी ओमप्रकाश चौटाला का आशीर्वाद लिया। पार्टी के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने विधानसभा चुनाव में आदित्य देवीलाल की जीत का दावा भी किया।

कांग्रेस और भाजपा पर हमला बोलते हुए अभय चौटाला ने उनके परिवार को तोड़ने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर की पार्टियों की यह सोच रही है, प्रदेश में मजबूत राजनीतिक घरानों को कमजोर किया जाए। नेशनल पार्टियां अपने फायदे के लिए पहले किसी को भी ताकतवर बना देती हैं और उसके बाद अपनी स्वार्थ की पूर्ति के बाद उसको धोखा देने का काम करते हैं। चौटाला ने दावा किया कि इस बार के विधानसभा चुनाव में इनेलो 20 से 25 सीटें जीतेगी वह मुख्यमंत्री पद के दावेदार होंगे।

कांग्रेस की तरफ से रेसलर विनेश फोगाट को जुलाना से उम्मीदवार बनाए जाने पर उन्होंने कहा कि जब तक खिलाड़ी खिलाड़ी रहता है, सभी पार्टियां उसका सम्मान करती हैं। लेकिन, जैसे ही कोई खिलाड़ी किसी पार्टी को ज्वाइन कर लेता है, तब वह केवल एक राजनीतिक दल का होकर रह जाता है।

चुनावी मुद्दों को लेकर उन्होंने कहा कि यह चुनाव क्षेत्रीय मुद्दों पर लड़ा जाएगा। लोग उस पार्टी को अपना समर्थन देंगे जो लोगों को सबसे ज्यादा सुविधाएं देने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि चौधरी देवीलाल और ओमप्रकाश चौटाला ने जनता के हित में काम किया है, इसलिए लोगों का विश्वास इनेलो की तरफ बढ़ा है। चौटाला ने भविष्यवाणी की कि इन चुनाव में कांग्रेस और भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिलेगा।

इस मौके पर आदित्य देवीलाल ने कहा कि उन्होंने 10 साल तक अपने इलाके में काम किया, लोगों को पार्टी के साथ जोड़ा। लेकिन, भाजपा ने उनके साथ धोखा किया। इसके बाद उन्होंने लोगों के साथ सलाह-मशवरा किया और फिर फैसला लिया कि एक मजबूत दल के साथ मिलकर उन्हें चुनाव लड़कर जीत दर्ज करनी चाहिए। इसी सोच के साथ उन्होंने आज इनेलो का दामन थाम लिया है। उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने पार्टी से बगावत नहीं की, भाजपा ने उन्हें धोखा दिया है।

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