सिरसा प्रशासन ने सुरक्षा और संचालन मानकों को पूरा न करने वाले निजी प्ले स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है, साथ ही चेतावनी दी है कि मानकों का पालन न करने वाले संस्थानों को सील किया जा सकता है।
निरीक्षण दलों को निर्देश दिया गया है कि वे स्कूलों का दौरा करें और दुर्घटनाओं के जोखिम को समाप्त करने के लिए प्रत्येक आवश्यकता की जांच करें।
अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) वीरेंद्र सहरावत ने मंगलवार को लघु सचिवालय में महिला एवं बाल विकास कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक के दौरान ये निर्देश जारी किए। बैठक में पोषण अभियान, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, निजी प्ले स्कूल, संयुक्त आंगनवाड़ी-प्ले स्कूल केंद्र, वन-स्टॉप सेंटर, बाल विवाह रोकथाम प्रयास, पॉक्सो अधिनियम, जिला बाल संरक्षण इकाई और बाल कल्याण समिति पर चर्चा की गई।
अधिकारियों ने बताया कि सिरसा ज़िले में 162 निजी प्ले स्कूल हैं, जिनमें से सभी का निरीक्षण किया गया है। 37 स्कूलों में कमियाँ पाई गईं और उन्हें नोटिस जारी किए गए। प्रशासन ने टीमों को निर्देश दिया है कि जो भी स्कूल नियमों का उल्लंघन करते रहें, उनके ख़िलाफ़ तुरंत कार्रवाई करें और विस्तृत रिपोर्ट पेश करें।
अधिकारियों को जिले में संचालित 98 संयुक्त आंगनवाड़ी-प्लेस्कूल केंद्रों में यदि कोई कमी हो तो उसे दूर करने के लिए भी कहा गया। वन-स्टॉप सेंटर के लिए नए भवन के निर्माण की प्रगति की समीक्षा की गई तथा अधिकारियों को भूमि की पहचान में तेजी लाने के लिए कहा गया।
पोषण अभियान के अंतर्गत, ज़िले में 40,000 महिलाओं और बच्चों का पंजीकरण हो चुका है और उनका 90% फोटो-लिंक्ड डेटा अपलोड हो चुका है। अधिकारियों को शेष कार्य शीघ्र पूरा करने और यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए कि पोषण जागरूकता हर घर, विशेषकर गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और किशोरियों तक पहुँचे। पोषण संबंधी गतिविधियों की निरंतर निगरानी पर भी ज़ोर दिया गया।
प्रशासन ने बाल विवाह को रोकने के लिए मजबूत जन जागरूकता का भी आह्वान किया और शिक्षा विभाग को POCSO प्रावधानों के बारे में जानकारी फैलाने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया।
गौरतलब है कि 1 जुलाई को, ऐलनाबाद के ममेरा कलां गाँव के एक प्ले स्कूल में चार साल के बच्चे की मौत हो गई थी। द ट्रिब्यून ने इस घटना की व्यापक रिपोर्टिंग की थी, जिसके बाद पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से जवाब माँगा था। मामला अभी अदालत में लंबित है।
बैठक में डीएसपी संजीव कुमार, डीडीपीओ बलजीत सिंह, जिला बाल संरक्षण अधिकारी पूनम नागपाल, डीसीपीओ डॉ. गुरप्रीत कौर, सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष मदन लाल, सदस्य भावना शर्मा, संरक्षण अधिकारी अंजना डूडी, खंड शिक्षा अधिकारी और आंगनवाड़ी सुपरवाइजर शामिल हुए।


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