हरियाणा के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के निदेशक ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) करनाल इकाई द्वारा गिरफ्तारी के बाद सहायक खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी (एएफएसओ) राजेंद्र सिंह और इंस्पेक्टर नीरज को निलंबित कर दिया है। अधिकारियों पर डिपो धारकों से पैसे ऐंठने का आरोप था, जिसके चलते विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।
एक अधिकारी ने कहा, “एएफएसओ और इंस्पेक्टर दोनों को उनके खिलाफ लंबित विभागीय और आपराधिक कार्यवाही के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।”
यह गिरफ्तारी सेवानिवृत्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी राम चंद्र के कथित सहयोगी के रूप में हुई है, जिसे 2 जनवरी को एसीबी ने 15,000 रुपये के पाउडर के साथ रंगे हाथों पकड़ा था। उसके पास से 67,000 रुपये और बरामद किए गए। उसके बयानों और डिपो होल्डर्स की शिकायतों के आधार पर एसीबी ने राजेंद्र सिंह और नीरज को गिरफ्तार किया, जिससे भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हुआ।
एसीबी के अनुसार, आरोपी ने सरकारी राशन बांटने के लिए डिपो धारकों को दिए जाने वाले कमीशन पर 3-5% रिश्वत मांगी थी। डिपो धारकों ने आरोप लगाया कि यह प्रथा पूरे जिले में व्यापक रूप से फैली हुई है और उन्होंने विस्तृत जांच की मांग की।
एसीबी के एक अधिकारी ने कहा, “हम मामले के सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं। आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। हम उनकी संपत्तियों का ब्योरा जुटा रहे हैं और उनके कॉल रिकॉर्ड का विश्लेषण कर रहे हैं।”
डिपो धारकों ने आरोपियों को फंसाने वाली कॉल रिकॉर्डिंग उपलब्ध कराई, जिसकी अब समीक्षा की जा रही है। उनकी शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए एसीबी की टीम ने कथित जबरन वसूली रैकेट का पर्दाफाश किया।
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