हिमाचल प्रदेश विद्युत निगम लिमिटेड (एचपीपीसीएल) के एक निदेशक (विद्युत) को निलंबित कर दिया गया है, क्योंकि निगम के एक मृतक मुख्य अभियंता के परिजन वरिष्ठ अधिकारियों के निलंबन और उनकी मौत की सीबीआई जांच की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए थे। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
10 मार्च से लापता विमल नेगी का शव मंगलवार को बिलासपुर में मिला। नेगी की पत्नी ने दावा किया है कि यह “आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या” है, उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पति पर दबाव डाला गया, उन्हें छुट्टियां देने से मना किया गया तथा तब भी उन्हें परेशान किया गया जब वह अस्वस्थ थे तथा उनका रक्तचाप घट-बढ़ रहा था।
बुधवार को शिमला में एचपीपीसीएल कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों ने निगम के वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित किए जाने तक नेगी का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया। उन्होंने एचपीपीसीएल के निदेशक (इलेक्ट्रिकल) देश राज और इसके प्रबंध निदेशक हरिकेश मीना के खिलाफ भी नारे लगाए।
देश राज के निलंबन और चार कैबिनेट मंत्रियों द्वारा यह आश्वासन दिए जाने के बाद कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, बुधवार देर रात धरना समाप्त किया गया।
एक सरकारी आदेश में कहा गया है कि देश राज के खिलाफ विभागीय जांच पर विचार किया जा रहा है, जिनकी सेवाएं एचपीपीसीएल आचरण, अनुशासन और अपील नियमों के नियम 20 के अनुसार निलंबित कर दी गई हैं।
अधिकारियों ने बताया कि नेगी की पत्नी की शिकायत के आधार पर न्यू शिमला पुलिस थाने में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और 3 (5) (संयुक्त आपराधिक दायित्व) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
बुधवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा को बताया कि अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी द्वारा घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं
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