N1Live Haryana लोकसभा चुनाव के बाद फरीदाबाद नगर निगम 150 करोड़ रुपये के बकाया कर की वसूली शुरू करने जा रहा है
Haryana

लोकसभा चुनाव के बाद फरीदाबाद नगर निगम 150 करोड़ रुपये के बकाया कर की वसूली शुरू करने जा रहा है

After Lok Sabha elections, Faridabad Municipal Corporation is going to start recovery of outstanding tax of Rs 150 crore.

फरीदाबाद, 8 जून नगर निगम फरीदाबाद (एमसीएफ) द्वारा करीब 150 करोड़ रुपये के बकाया संपत्ति कर की वसूली का अभियान फिर से शुरू किए जाने की संभावना है। लोकसभा चुनाव प्रक्रिया के कारण पिछले ढाई महीने से यह अभियान रुका हुआ था।

नगर निकाय के सूत्रों ने बताया कि चालू वित्तीय अवधि 2024-25 में नए सिरे से प्रयास के तहत जल्द ही प्रमुख बकाएदारों को नोटिस दिए जाने की संभावना है।

पहले चरण में 50,000 रुपये या उससे अधिक का कर बकाया रखने वाले सभी बकाएदारों पर नजर रखी जा रही है, जिसके लिए तैयारियां चल रही हैं और हाल ही में संबंधित अधिकारियों द्वारा इस मुद्दे पर चर्चा की गई है।

नाम न बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि लंबित कर जमा करने तथा शहरी स्थानीय निकाय विभाग की वेबसाइट और पोर्टल पर अपडेट की जाने वाली संपत्ति आईडी के विवरण के सत्यापन और सुधार के लिए शीघ्र ही विशेष शिविर आयोजित किए जाने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा कि चूंकि चुनाव प्रक्रिया के कारण बहुमूल्य समय नष्ट हो गया है, इसलिए विभाग को अपने प्रयास दोगुने करने होंगे, क्योंकि संपत्ति कर सहित विभिन्न करों की वसूली एक महत्वपूर्ण मुद्दा है तथा नगर निकाय की आंतरिक आय का एक प्रमुख स्रोत है।

पिछले वित्तीय वर्ष में 2010-11 से लंबित कर की मूल राशि पर ब्याज पर 100 प्रतिशत छूट तथा एक ही भुगतान में कर चुकाने पर कुल राशि पर 15 प्रतिशत की छूट की पेशकश की गई थी।

हालांकि एमसी 62.60 करोड़ रुपये की राशि वसूलने में कामयाब रही, लेकिन यह 150 करोड़ रुपये से अधिक की लंबित राशि की तुलना में लक्ष्य से काफी कम है, ऐसा बताया गया है। सूत्रों ने बताया कि यह 100 करोड़ रुपये की वसूली की उम्मीद से काफी कम है, क्योंकि शहर में संपत्ति इकाइयों की संख्या बढ़कर 7.07 लाख हो गई है।

बताया गया है कि लगभग 10,000 इकाइयों पर 20,000 रुपये या इससे अधिक का कर बकाया है, तथापि यह अभियान बड़े बकाएदारों पर केंद्रित रह सकता है।

अधिकारियों ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में बड़ी संख्या में इकाइयों के खिलाफ की गई सीलिंग कार्रवाई और आयोजित विशेष शिविरों के परिणामस्वरूप कई करोड़ रुपए की वसूली हुई। बताया जाता है कि वसूली में बाधा डालने वाले कारकों में कानूनी विवाद, स्वामित्व में परिवर्तन, अप्रयुक्त या बंद संपत्तियां और सरकारी इमारतें शामिल हैं, जिन पर बकाया राशि बकाया है। दावा किया जाता है कि संपत्ति आईडी में त्रुटियां और उनके सुधार में देरी भी वसूली में बाधा के रूप में सामने आई है।

नगर निकाय के अधिकारी पदम सिंह ढांडा ने कहा, “चुनाव प्रक्रिया के कारण रुके अभियान को पुनर्जीवित करने के लिए जल्द ही एक योजना को अंतिम रूप दिया जा सकता है।”

Exit mobile version