April 16, 2025
National

मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून विरोध के बीच बेरहमी से हत्या के बाद मृतक के भतीजे ने लगाई सुरक्षा की गुहार

After the brutal murder amid the protest against the Waqf law in Murshidabad, the nephew of the deceased appealed for protection

संशोधन कानून को लागू किए जाने के बाद से पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों में विरोध-प्रदर्शन जारी है। कई स्थानों पर यह प्रदर्शन उग्र रूप ले चुका है। मुर्शिदाबाद के शमशेरगंज इलाके में इसी कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के बीच एक व्यक्ति की बेरहमी से हत्या कर दी गई। मृतक दो नाबालिग बच्चों का पिता था। आरोप है कि उपद्रवियों ने उसे जबरन उसके घर से बाहर घसीटकर निकाला और पहले उसके सिर और चेहरे पर ईंटों से वार किए। इसके बाद शरीर के अन्य हिस्सों पर भी बेरहमी से हमला किया गया।

स्थानीय लोगों का कहना है कि हमलावरों ने उसे धारदार हथियार से काटकर मार डाला। इसके साथ ही उसके घर को भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया गया। घटना के बाद पूरे इलाके में तनाव का माहौल फैल गया। स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस-प्रशासन ने क्षेत्र में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया है। केंद्रीय बलों की टुकड़ियां भी इलाके में गश्त कर रही हैं, ताकि कानून व्यवस्था बनी रहे। फिलहाल इलाके में शांति है, लेकिन तनाव की स्थिति अभी भी बनी हुई है।

मृतक के भतीजा सूरज दास ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि हमारे गांव में लूटपाट हो रही है, हर तरफ से लोग भाग रहे हैं। लड़कियां छुपकर बैठी थीं, पूरा घर जला दिया गया। घर तोड़कर चाचा को मारा और फिर हत्या कर दी। पूरे गांव को लूट लिया गया। डेढ़ सौ से ज्यादा लोग आए थे, उनके पास हथियार, पत्थर, गोली थे। सभी लोग गमछे से अपना मुंह बांधे हुए थे, हम डर के मारे भाग रहे थे। पुलिस तीन घंटे तक फोन पर कहती रही कि दस मिनट में आ रही है, लेकिन नहीं आई। हत्या हो गई, तीन-चार घंटे तक शव पड़ा रहा, तब जाकर पुलिस आई। नेता आए तो सब चुप हो गया। गांव छोड़कर लोग भाग गए।

सूरज ने कहा कि सोमवार को दोपहर फिर से हमले हुए। दूसरे समुदाय के लोगों ने हमारा जीना हराम कर दिया है। कोई रात को सो नहीं पाता, खा नहीं पाता, नींद उड़ गई है। हमारी हालत बहुत खराब है। केंद्र सरकार को हमें सहायता देनी होगी, वरना पूरा गांव खत्म हो जाएगा। जैसे चिता जल रही है, वैसे ही हमारा गांव जल रहा है। अगर सहायता नहीं मिली तो हिंदुओं का यहां कोई अस्तित्व नहीं बचेगा, सिर्फ दूसरे समुदाय का कब्जा होगा। पास के गांवों में भी यही हाल है। मेरे चाचा और दादाजी को मार डाला गया। उनके बच्चों का क्या होगा? मां अकेली क्या करेगी? कमाने वाला कोई नहीं रहा है।

सूरज ने आगे कहा कि मैं सुरक्षा की मांग करता हूं। पुलिस और केंद्रीय बल रात में नहीं थे, इसलिए यह सब हुआ। जब हत्या हुई, तब पुलिस नहीं थी। बाद में आई तो क्या फायदा? मेरे चाचा को काट डाला, मुंह तोड़ दिया, छुरा मारा, चमड़ा निकाल दिया। मेरे पास फोटो होता तो दिखाता।

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