N1Live Uttar Pradesh राम दरबार में प्राण प्रतिष्ठा के बाद 500 साल से चला आ रहा संघर्ष पूरा हो गया : आलोक कुमार
Uttar Pradesh

राम दरबार में प्राण प्रतिष्ठा के बाद 500 साल से चला आ रहा संघर्ष पूरा हो गया : आलोक कुमार

After the installation of Ram Darbar, the struggle of 500 years has been completed: Alok Kumar

अयोध्या, 8 जून । उत्तर प्रदेश की अयोध्या नगरी एक बार फिर प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए सज चुकी है, गुरुवार को प्राण प्रतिष्ठा होगी। विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने बुधवार को कहा कि पिछले साल 22 जनवरी को राम जन्मभूमि पर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी, लेकिन भारतीयों का सीताराम जी के दर्शन के लिए मन आतुर रहता है। इसलिए पहली मंजिल पर राम दरबार स्थापित हुआ है और उसकी प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम चल रहा है जो गुरुवार को पूरा हो जाएगा। अब सोने से बना शिखर और ध्वजा तैयार हो गई है। राम दरबार में प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद 500 साल से चला आ रहा संघर्ष अब पूरा हो गया।

आलोक कुमार ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा कि कोई भी बड़ा कार्य, बड़ा आंदोलन विरोध और संघर्ष के बगैर नहीं पनपता है। अपने शरीर में भी लगातार रोग के कीटाणुओं से लड़ना पड़ता है। पर अब हिंदू धर्म, सनातन धर्म उभरकर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह मथुरा और काशी के मुकदमों को भी देख रहे हैं। मुकदमे मजबूत हैं और आगामी 10 वर्षों में हिंदू समाज को दोबारा आने का निमंत्रण देंगे।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव को आमंत्रण पर आलोक कुमार ने कहा कि अखिलेश का पत्र आया था। उन्होंने कहा था कि वह सपरिवार आएंगे। राहुल गांधी के बारे में उन्होंने कहा कि उन्हें अलग से विशेष प्रकार से निमंत्रण देने की आवश्यकता वह नहीं समझते।

राहुल की आलोचना करते हुए विहिप पदाधिकारी ने कहा कि पूरा देश ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता पर आनंद मना रहा है, वहीं कांग्रेस सांसद देश को बताना चाह रहे हैं कि अमेरिका के राष्ट्रपति ने फोन किया और भारत ने पाकिस्तान के सामने घुटने टेक दिए। उन्होंने कहा कि राहुल शत्रु की भाषा क्यों बोल रहे हैं, वह पराजय की भाषा क्यों बोलते हैं, वह सैनिकों के संघर्ष और बलिदान का अपमान क्यों करते हैं।

एक अन्य सवाल पर कि कई लोग कह रहे हैं कि एक ही मंदिर का दो बार प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम क्यों रखा जा रहा है, उन्होंने कहा कि अगर एक मंदिर में पांच विग्रह लगते हैं, तो पांचों की अलग-अलग प्राण-प्रतिष्ठा होगी। इसमें कुछ असाधारण नहीं हो रहा है। कोई बहुत पुराना राम जी का मंदिर है, इस मंदिर के प्रांगण में या फिर दूसरी जगह के हिस्से में शिव दरबार बनने पर जब तक प्राण प्रतिष्ठा नहीं होगी, तब तक वह पत्थर ही रहेगा। राम मंदिर में पहले बालक राम की प्राण-प्रतिष्ठा हुई, अब ऊपर का मंदिर पूरा हुआ, वहां प्राण-प्रतिष्ठा होगी।

Exit mobile version