शिमला, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में, CBI ने पोपूलर स्कॉलरशिप घोटाले में, लेटेस्ट रिपोर्ट दायर की। यह रिपोर्ट जांच में लेटलतीफी पर फटकार के बाद पेश की गई है। हाईकोर्ट ने CBI जांच से फिर नाराजगी जताई है। 265 करोड़ रुपये के घोटाले में तीन सप्ताह में, दोबारा रिपोर्ट दायर करने के आदेश दिए गये।
CBI ने कोर्ट को बताया कि, शिक्षा विभाग के छह कर्मचारियों समेत, 31 को अभियुक्त बनाया गया है। इनमें चार बैंक कर्मचारी भी शामिल हैं। इनके खिलाफ 7 मामलों में अदालत के समक्ष चार्जशीट दायर की गई है। हालांकि, अदालत ने इस रिपोर्ट पर असहमति जताई है।
अदालत ने CBI को आदेश दिए थे कि, वह जांच पूरा करने के बारे में निर्धारित तिथि बताएं। केंद्रीय जांच एजेंसी को छानबीन में पता चला है कि, शिक्षा विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों और निजी शिक्षण संस्थानों में, स्कॉलरशिप हड़पने के लिए, बाकायदा एक रैकेट चल रहा था। इसके लिए अधिकारी निजी शिक्षण संस्थानों को स्कॉलरशिप जारी करने के लिए, 10 फीसदी तक कमीशन लेते थे।
यह कमीशन का खेल होटलों में चलता था। यहां पर स्कॉलरशिप जारी कराने की एवज में निजी संस्थान विभाग के अधिकारियों को कमीशन का पैसा देते थे। निचले स्तर के अधिकारी-कर्मचारी स्कॉलरशिप फाइलों पर अपने स्तर पर ही निर्णय लेते थे। जांच में यह भी पता चला है कि, नियमों के विपरीत निजी ई-मेल आईडी से स्कॉलरशिप के काम को अंजाम दिया जाता था।