August 2, 2025
National

मालेगांव मामले में फैसले के बाद कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को माफी मांगनी चाहिए : नरेश बंसल

After the verdict in Malegaon case, the top leadership of Congress should apologize: Naresh Bansal

भाजपा सांसद नरेश बंसल ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के मालेगांव ब्लास्ट मामले में बरी होने पर दिए गए बयान का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि 2008 के मालेगांव ब्लास्ट मामले में विशेष एनआईए कोर्ट के फैसले ने साध्वी प्रज्ञा और अन्य को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया, क्योंकि विश्वसनीय साक्ष्य की कमी थी। बंसल ने कांग्रेस पर ‘भगवा आतंकवाद’ और ‘हिंदू आतंकवाद’ का झूठा नैरेटिव बनाकर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया।

उन्होंने आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि कोर्ट के फैसले ने कांग्रेस के प्रयास को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया और सत्य की जीत हुई है।

बंसल ने मांग की कि सोनिया गांधी, पी. चिदंबरम और दिग्विजय सिंह को इस झूठे नैरेटिव के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यह फैसला न केवल साध्वी प्रज्ञा और अन्य अभियुक्तों के लिए, बल्कि पूरे हिंदू समुदाय और सनातन धर्म के लिए ऐतिहासिक है, क्योंकि इसने ‘भगवा आतंकवाद’ जैसे शब्दों को खारिज कर दिया।

बंसल ने कहा कि कोर्ट ने साफ कर दिया कि आतंकवाद का कोई रंग या धर्म नहीं होता, और कांग्रेस द्वारा बनाया गया यह नैरेटिव पूरी तरह विफल रहा।

उन्होंने कांग्रेस पर हिंदू संतों और राष्ट्रवादी नेताओं को बदनाम करने के लिए साजिश रचने का आरोप लगाया और दावा किया कि कांग्रेस ने हमेशा हिंदू संस्थाओं के प्रमुखों और राष्ट्रवाद के प्रतीकों को निशाना बनाया है। इस तरह के कार्यों के लिए कांग्रेस को देश से माफी मांगनी चाहिए।

एसआईआर पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और विपक्ष के आरोपों पर उन्होंने कहा कि ये आरोप बेबुनियाद हैं और विपक्ष द्वारा हंगामा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि वे फर्जी वोटों के आधार पर चुनाव जीतना चाहते हैं। बंसल ने सवाल उठाया कि क्या मृत लोगों के नाम, दोहरे मतदाता, या घुसपैठियों के नाम मतदाता सूची में होने चाहिए? गहन पुनरीक्षण के बाद अनधिकृत नाम वोटर लिस्ट से हटाए गए हैं और दावा-आपत्ति के लिए एक महीने का समय दिया गया है।

बंसल ने राहुल गांधी को ‘अहंकारी’ और ‘नाकाम’ नेता करार देते हुए कहा कि उन्हें बार-बार लॉन्च करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन वे सफल नहीं हो पा रहे। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी की हताशा के कारण वे संवैधानिक संस्थाओं, संसद और कोर्ट को धमकाने का काम करते हैं, लेकिन उन्हें कोई गंभीरता से नहीं लेता है।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के राज्यसभा उपसभापति को लिखे पत्र पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस का यह विरोध राजनीतिक नौटंकी है। उन्होंने दिसंबर 2023 की घटना का जिक्र किया, जब दो घुसपैठियों ने संसद की सुरक्षा में सेंध लगाई थी। बंसल ने बताया कि इसके बाद सुरक्षा समीक्षा बैठक में संसद की सुरक्षा का जिम्मा सीआईएसएफ को सौंपा गया।

उन्होंने विपक्ष, खासकर कांग्रेस, पर संसद की कार्यवाही को बाधित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विपक्षी सांसद टेबल पर चढ़ते हैं, आसन की ओर कागज और कॉपियां फेंकते हैं, जिसके चलते व्यवस्था बनाए रखने के लिए सीआईएसएफ को तैनात किया गया। सीआईएसएफ के जिम्मे बाहरी सुरक्षा भी है।

Leave feedback about this

  • Service