दूसरे दिन भी जारी नाटकीय घटनाक्रम के बीच, राज्यसभा उम्मीदवार नवनीत चतुर्वेदी को बुधवार शाम को यूटी पुलिस ने रोपड़ पुलिस को सौंप दिया।
उन्हें एसपी जीएस गोसल और सीआईए प्रभारी मनफूल सिंह के नेतृत्व वाली टीम द्वारा रात करीब साढ़े आठ बजे गिरफ्तार कर रोपड़ ले जाया गया। इसके बाद उन्होंने सेक्टर 3 पुलिस स्टेशन में चंडीगढ़ पुलिस के संरक्षण में करीब दो दिन बिताए।
चतुर्वेदी, जिन्होंने राज्यसभा उपचुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था, पर आरोप है कि उन्होंने 24 अक्टूबर को होने वाले चुनाव के लिए 10 आप विधायकों के जाली हस्ताक्षर करके उन्हें अपना प्रस्तावक बनाया था।
इस संबंध में आप विधायक दिनेश चड्ढा की शिकायत पर रोपड़ में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। चतुर्वेदी और राज्य पुलिस द्वारा आज सुबह पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने और सभी संबंधित पक्षों को 4 नवंबर के लिए नोटिस जारी किए जाने के बाद भी चंडीगढ़ पुलिस ने चतुर्वेदी को रोपड़ पुलिस को नहीं सौंपा।
कल शाम से ही पंजाब पुलिस की एक बड़ी टुकड़ी सेक्टर 3 पुलिस स्टेशन के आसपास तैनात थी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चतुर्वेदी वहां से भाग न सके।
उच्च न्यायालय द्वारा नोटिस जारी करने के बाद रोपड़ पुलिस मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) सुखविंदर सिंह की अदालत में वापस गई और चंडीगढ़ पुलिस को मंगलवार को चतुर्वेदी के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट को तामील करने के निर्देश देने की मांग की।
सीजेएम ने न केवल चंडीगढ़ के एसएसपी को गिरफ्तारी वारंट का अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया, बल्कि सेक्टर 3 पुलिस स्टेशन के एसएचओ नरिंदर पटियाल से यह भी पूछा कि “कानून के किन प्रावधानों के तहत उन्होंने आरोपी को अपनी हिरासत में रखा है।”
आठ पृष्ठों के आदेश में कहा गया है कि एसएसपी द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित स्पष्टीकरण चार दिनों के भीतर प्रस्तुत किया जाए, अन्यथा उनके खिलाफ कानून के अनुसार उचित कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी।
चतुर्वेदी ने राज्यसभा उपचुनाव के लिए नामांकन पत्रों के दो सेट दाखिल किए थे। 6 अक्टूबर को दाखिल किए गए पहले सेट में उन्होंने 10 आप विधायकों को अपना प्रस्तावक बताया था। लेकिन इन पर किसी भी विधायक के हस्ताक्षर नहीं थे।
उन्होंने 13 अक्टूबर को नामांकन पत्रों का दूसरा सेट प्रस्तुत किया, जिसमें उनके प्रस्तावकों के रूप में 10 आप विधायकों के नाम तथा उनके हस्ताक्षर भी थे। मंगलवार को नामांकन पत्रों की जांच के दौरान चतुर्वेदी का नामांकन इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि सभी 10 विधायकों के हस्ताक्षर जाली थे।
सात विधायकों ने व्यक्तिगत रूप से रिटर्निंग ऑफिसर राम लोक के समक्ष उपस्थित होकर कहा कि उन्होंने उनके नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं, जबकि तीन विधायकों ने अपने पत्र भेजकर कहा कि उन्होंने उनके प्रस्तावक के रूप में हस्ताक्षर नहीं किए हैं।
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