वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने पंजाब और हरियाणा को निर्देश दिया है कि वे आगामी धान की कटाई के मौसम के दौरान पराली जलाने पर रोक सुनिश्चित करें और फसल अवशेष प्रबंधन के उपायों को सख्ती से लागू करें।
यह निर्देश गुरुवार और शुक्रवार को पंजाब के 23 जिलों और हरियाणा के 22 जिलों के वरिष्ठ अधिकारियों, उपायुक्तों, जिला मजिस्ट्रेटों और पुलिस अधिकारियों के साथ हुई विस्तृत समीक्षा बैठकों के बाद जारी किए गए।
सीएक्यूएम के अध्यक्ष राजेश वर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में, प्रभावी फसल अवशेष प्रबंधन के लिए आयोग के निर्देशों के अनुरूप राज्यों की तैयारियों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
सीएक्यूएम ने कहा कि जमीनी स्तर पर प्रगति की निगरानी के लिए दोनों राज्यों के हॉटस्पॉट जिलों में फ्लाइंग स्क्वायड टीमें तैनात की जाएंगी। पंजाब और हरियाणा के बीच समन्वय स्थापित करने तथा धान अवशेष प्रबंधन गतिविधियों की देखरेख के लिए मोहाली स्थित खेती भवन में एक समर्पित सीएक्यूएम प्रकोष्ठ भी स्थापित किया गया है।
पंजाब को फसल अवशेष प्रबंधन मशीनरी की उपलब्धता में अंतर को पाटने, बेलरों की अंतर-जिला आवाजाही सुनिश्चित करने, ‘पराली संरक्षण बल’ के माध्यम से सतर्कता को मजबूत करने और ताप विद्युत संयंत्रों में बायोमास को-फायरिंग में तेजी लाने के लिए कहा गया।
हरियाणा को मशीनरी की कमियों को दूर करने, धान की पराली के गट्ठरों के लिए भंडारण सुविधाओं में सुधार करने, किसानों के लिए बीमा विकल्प उपलब्ध कराने तथा पराली जलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।