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रक्षा बंधन पर अखिलेश यादव ने ‘समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी’ का किया गठन

Akhilesh Yadav formed 'Samajwadi Sabla-Suraksha Vahini' on Raksha Bandhan

लखनऊ, 20 अगस्त। समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव ने रक्षा बंधन पर ‘समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी’ का गठन किया।

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “ये ‘आधी-आबादी की पूरी आज़ादी’ का अभियान है, जिसके शुभारंभ के लिए ’रक्षा-बंधन’ जैसे पावन-पर्व से अच्छा अन्य कोई पर्व और क्या हो सकता है, लेकिन ये कोई एक दिन का पर्व नहीं होगा, बल्कि हर पल, हर जगह, हर दिन सक्रिय रहने वाली जागरूकता का चैतन्य रूप होगा। जो नारी को सुरक्षित रखते हुए, आर्थिक रूप से सशक्त करते हुए एक बड़े सामाजिक-मानसिक बदलाव की ओर ले जाएगा और समाज में नारी की सुरक्षा तथा नारी को अपने पैरों पर खड़े होने के लिए स्वनिर्भरता को प्राथमिकता बनाएगा। ये नारी के संदर्भ में नज़रिया बदलने के लिए ‘सामाजिक-समझाइश’ का रास्ता अपनाएगा।”

उन्होंने आगे लिखा, “समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी। आधी-आबादी की पूरी आज़ादी। सदियों से इतिहास में सर्व समाज द्वारा मनाए जाने वाले सुरक्षा-सौहार्द के सामाजिक-सामुदायिक पर्व ’रक्षा-बंधन’ के अवसर पर समाजवादी पार्टी ‘आधी-आबादी’ मतलब हर बालिका, स्त्री, नारी, महिला को समर्पित एक ‘समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी’ का गठन कर रही है। ये वर्तमान के संदर्भ में ‘स्त्री-संरक्षणीकरण’ की नवीन अवधारणा को जन-जन तक ले जाएगी और सद्भावनापूर्ण प्रयासों और समानता के विचारों के प्रसारण से नारी के प्रति दृष्टिकोण में सकारात्मक परिवर्तन लाकर, सामाजिक सोच में आमूलचूल परिवर्तन लाएगी। नारी को समावेशी विकास का हिस्सा बनाएगी।”

उन्होंने लिखा, “समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी नारी के मुद्दों और मामलों में ‘चार दिन की चिंता’ की तरह केवल कहकर नहीं रह जाएगी, केवल औपचारिकता नहीं निभाएगी बल्कि बीते कल से सबक लेते हुए ’वर्तमान’ को झकझोर कर सचेत बनाएगी। दूरगामी ठोस क़दम भी उठाएगी, रास्ते भी बनाएगी और चलकर भी दिखाएगी क्योंकि परिवर्तन थोथे बयानों से नहीं, सच्ची भावना से किए गए सद्प्रयासों से ही आएगा। समाजवादी सबला सुरक्षा वाहिनी नारी के आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए उनके ’आर्थिक सबलीकरण और नारी-सुरक्षा’ जैसे विषयों के विविध कार्यक्रमों के माध्यम से उनके चतुर्दिक सशक्तीकरण को सुनिश्चित करने का अति महत्वपूर्ण कार्य करेगी।

सपा मुखिया ने लिखा, “हमारा संकल्प-सिद्धांत है : स्त्री ‘शक्ति’ का प्रतीक भी होनी चाहिए और प्रमाण भी। इसीलिए, समाज के सभी वर्गों और तबकों की स्त्री-शक्ति से आह्वान और अनुरोध है कि वे ‘समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी’ से जुड़ने के लिए आगे आएं और अपनी कुशलता व हुनर से अन्य स्त्रियों को आर्थिक-सामाजिक रूप से समर्थ-सबल बनाने में अपना योगदान दें और उनकी सुरक्षा के सवालों पर आवाज़ भी बुलंद करें और उनके लिए सुरक्षित वातावरण के निर्माण में सहयोग भी करें। जिस दिन ‘नारी की आज़ादी’, देश की आज़ादी की पर्याय बन जाएगी, उस दिन सच में ‘आधी आबादी’ की पूरी आज़ादी होगी।”

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