जौनपुर, 7 फरवरी । उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर गुरुवार को जौनपुर के मड़ियाहूं तहसील क्षेत्र के उसराव गांव पहुंचे। यहां उन्होंने मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ में हुए भगदड़ में जान गंवाने वाली सास-बहू के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने परिजनों से मिलकर उनकाे ढांढस बधाया। इस दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव पर तल्ख टिप्पणी की।
‘चुनाव आयोग मर चुका, सफेद कपड़ा भेंट करना पड़ेगा’, अखिलेश यादव के इस बयान पर जब मीडिया ने राजभर से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि सपा अध्यक्ष केवल चुनावी हार के बाद ही आयोग पर सवाल उठाते हैं। उन्होंने कहा कि जब सपा प्रदेश में अधिक सीटें जीतती है, तब चुनाव आयोग के बारे में कोई टिप्पणी नहीं होती। लेकिन जैसे ही सपा की हार होती है, तो चुनाव आयोग पर सवाल उठाने शुरू कर दिए जाते हैं।
राजभर ने उदाहरण देते हुए कहा कि हाल ही में हुए यूपी में 9 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में करहल और सीसामऊ सीटों पर सपा ने जीत हासिल की थी, तब चुनाव आयोग ‘जिंदा’ था। लेकिन, जब 7 सीटों पर एनडीए ने जीत दर्ज की, तो आयोग ‘मुर्दा’ हो गया। यह पूरी तरह से उनकी हताशा और निराशा का परिणाम है। उन्होंने कहा कि जब सपा जीतती है, तो कोई आरोप नहीं लगाते, लेकिन हारने के बाद हर चीज पर सवाल उठाना शुरू कर देते हैं। उन्होंने दावा किया कि मिल्कीपुर विधानसभा चुनाव में बीजेपी को भारी मतों से जीत मिलेगी।
दरअसल, अखिलेश यादव ने संसद परिसर में मिल्कीपुर में हुए उपचुनाव को लेकर चुनाव आयोग पर एक विवादित बयान दिया, जिस पर सियासत तेज हो गई। अखिलेश यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ये भाजपा का चुनाव लड़ने का तरीका है। चुनाव आयोग मर गया है और हमें सफेद कपड़ा भेंट करना होगा।
अखिलेश यादव के इस बयान के बाद भाजपा नेताओं ने पलटवार किया। यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि मीठा-मीठा गप और कड़वा-कड़वा थू। जब नतीजे उनके पक्ष में होते हैंं, तो चुनाव आयोग अच्छा हो जाता है। मिल्कीपुर हारने के डर से अखिलेश जी आरोप लगा रहे हैं।
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