पणजी, 20 नवंबर । पूर्व ऊर्जा मंत्री एलेक्सो सेक्वेरा ने रविवार को भाजपा नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री पद की शपथ ली। गोवा सरकार के मंत्री निलेश कबराल ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।
गोवा के राज्यपाल पीएस श्रीधरन पिल्लई और मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की मौजूदगी में कांग्रेस से आए एलेक्सो सेक्वेरा ने शपथ ली।
पिछले साल 14 सितंबर को पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत, माइकल लोबो, डेलिलाह लोबो, केदार नाइक, संकल्प अमोनकर, राजेश फलदेसाई और रुडोल्फ फर्नांडीस के साथ एलेक्सो सेक्वेरा भाजपा में शामिल हो गए थे, जिससे 40 सदस्यीय विधानसभा सदन में कांग्रेस के तीन विधायक रह गए थे।
इसके बाद से ही राजनीतिक हलकों में अटकलें लगाई जा रही थी कि एलेक्सो के साथ दिगंबर कामत, माइकल लोबो और संकल्प अमोनकर को मंत्रालय मिल सकता है।
सूत्रों ने कहा कि एलेक्सो सेक्वेरा को भाजपा में शामिल होने के समय कैबिनेट में जगह देने का वादा किया गया था। इसलिए, आठ सदस्यों के समूह को दी गई प्रतिबद्धताओं में से एक आज पूरी हो गई।
मंत्री पद की शपथ लेने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए एलेक्सो सेक्वेरा ने कहा कि वह राज्य के लोगों के हित में जो कुछ भी कर सकते हैं वह करेंगे। उन्होंने कहा, ”हम लोकसभा की दोनों सीटें जीतेंगे।”
नीलेश कैब्राल के पास कानून और न्यायपालिका, पर्यावरण, विधायी मामले और लोक निर्माण सहित चार विभाग थे।
अपने इस्तीफे के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कैब्राल ने कहा कि उन्होंने पार्टी नेताओं और मुख्यमंत्री के अनुरोध पर इस्तीफा दिया है। भाजपा में प्रवेश करने वालों को पार्टी ने कमिटमेंट दे दिया है। अब पार्टी के अनुरोध पर मैंने इस्तीफा दे दिया है।
तीसरी बार के विधायक कैब्राल म्हादेई डायवर्जन मुद्दे पर गृह मंत्री अमित शाह के बयान की निंदा करने वाले एकमात्र भाजपा नेता थे। उन्होंने जनवरी में कहा था, ”मैं अमित शाह के बयान की कड़ी निंदा करता हूं। हम म्हादेई बेसिन से पानी को बाहर ले जाने के खिलाफ हैं।”
जनवरी में, बेलगावी-कर्नाटक में एक विधानसभा चुनाव रैली के दौरान शाह ने कहा था, ”आज मैं आपको यह बताने के लिए यहां हूं कि केंद्र में भाजपा ने म्हादेई को लेकर गोवा और कर्नाटक के बीच लंबे समय से चले आ रहे विवाद को सुलझा लिया है और कई जिलों के किसानों की प्यास बुझाने के लिए म्हादेई को कर्नाटक की ओर मोड़ने की अनुमति दे दी है।”