लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर पर विपक्ष के तमाम सवालों के जवाब दिए। पीएम मोदी के इस संबोधन पर शिवसेना (यूबीटी) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कई गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का जवाब भले ही लंबा और विस्तृत रहा हो, लेकिन उसमें कई ऐसे बिंदु हैं जो अभी भी अस्पष्ट हैं और जिन पर स्पष्टता की जरूरत है।
प्रियंका चतुर्वेदी ने बुधवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से खास बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में करीब दो घंटे तक जवाब दिया। लेकिन, अब जो बात सामने आ रही है, वह यह है कि इस विषय पर पीएम मोदी राज्यसभा में नहीं बोलेंगे, जबकि राज्यसभा के सभी सांसद उनसे जवाब की उम्मीद कर रहे थे। लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी के जवाब में कई ऐसी बातें थीं जो और अधिक सवाल पैदा करती हैं।
सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के अनुसार अगर ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है, तो फिर हम पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने को लेकर इतने उत्सुक क्यों हैं? उन्होंने कहा कि सरकार एक तरफ कह रही है कि देश सुरक्षा को लेकर गंभीर है, दूसरी तरफ बीसीसीआई और ब्रॉडकास्टिंग नेटवर्क्स को पाकिस्तान से क्रिकेट प्रसारण और संबंधों पर मनमानी करने दी जा रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत कार्रवाई अभी भी जारी है, तो यह सरकार की जवाबदेही बनती है कि वह जनता को यह बताए कि खुफिया तंत्र की क्या कमियां रही हैं, किस स्तर पर इनपुट फेल हुए और उनसे निपटने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि सरकार को अंतरराष्ट्रीय खेल संगठनों से डर है कि वे किसी तरह की कार्रवाई करेंगे, तो फिर मैच दुबई में क्यों, लाहौर में क्यों नहीं?
प्रियंका चतुर्वेदी ने प्रधानमंत्री के मध्यस्थता वाले बयान पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने यह साफ किया कि किसी भी विश्व नेता ने युद्ध को रोकने के लिए उनसे आग्रह नहीं किया। लेकिन, उन्होंने यह भी याद दिलाया कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सार्वजनिक मंचों पर दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की पेशकश की थी। ऐसे में सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि ट्रंप जैसे नेता आखिर बार-बार इस प्रकार के दावे क्यों कर रहे हैं, अगर उनमें कोई सच्चाई नहीं है तो।