चंडीगढ़, 10 फरवरी
पिछले साल घर-घर जाकर किए गए सर्वे के आधार पर चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड (सीएचबी) ने आवंटन की शर्तों का उल्लंघन करने वाले आवंटियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।
सीएचबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी यशपाल गर्ग ने कहा, “अब तक, 22 फ्लैटों के आवंटन को रद्द कर दिया गया है और शेष मामलों में, उन्हें सुनवाई का अवसर प्रदान करने के बाद रद्द करने का आदेश जारी किया जाएगा।”
उन्होंने कहा कि बोर्ड इन फ्लैटों की बिक्री, खरीद, उप-किराये पर देने या हस्तांतरण के अवैध लेनदेन में शामिल पाए गए संपत्ति डीलरों या बिचौलियों आदि के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज करने पर विचार कर रहा है।
CHB ने अब तक पुनर्वास योजना, छोटे फ्लैट योजना या किफायती किराये की आवास योजना के तहत 18,000 से अधिक फ्लैट आवंटित किए हैं। ये फ्लैट आबंटियों और उनके परिवारों के एकमात्र कब्जे के लिए आवंटित किए गए हैं और इन्हें बेचा या स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है।
यह शिकायत मिलने पर कि कुछ आवंटियों ने इन फ्लैटों को अवैध रूप से बेचा, सबलेट या अन्य व्यक्तियों को सौंप दिया था, सीएचबी ने जुलाई से सितंबर तक ऐसे सभी फ्लैटों का सर्वेक्षण किया था। इसके अलावा नवंबर में बंद पड़े फ्लैटों का भी दोबारा सर्वे किया गया।
सर्वेक्षण के दौरान 1,117 फ्लैटों पर गैर-आवंटियों का कब्जा पाया गया, 636 को बंद कर दिया गया, जबकि 168 फ्लैटों के आवंटियों ने सीएचबी अधिकारियों को जानकारी देने से इनकार कर दिया। सीईओ ने कहा कि 18,138 फ्लैटों में से 15,995 पर मूल आवंटियों का कब्जा पाया गया।
ये फ्लैट सेक्टर 49, 56, 38-वेस्ट, धनास, औद्योगिक क्षेत्र, मौली जागरण, राम दरबार, मलोया (छोटे फ्लैट) और मलोया (एआरएचसी) में स्थित हैं।
गर्ग ने कहा, “अगर आवंटी ऐसे फ्लैटों पर कब्जा नहीं करना चाहते हैं, तो वे इन्हें सीएचबी को सौंप सकते हैं, लेकिन फ्लैटों को बेचा या अन्य व्यक्तियों को उप-किराये पर नहीं दिया जा सकता है।”
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