October 6, 2024
National

अमित मालवीय ने ममता बनर्जी को झूठा बताया, कहा- महिला मंत्री ने खोली पोल

नई दिल्ली, 30 अगस्त भाजपा आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने ममता सरकार की पोल खोल दी।

अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट के जरिए लिखा, “केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने 25 अगस्त 2024 को ममता बनर्जी को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने बलात्कार और पोक्सो से संबंधित मामलों के लिए एक भी फास्ट ट्रैक अदालत नहीं बनाई है।”

अमित मालवीय ने मंत्री अन्नपूर्णा देवी के पत्र के एक भाग का जिक्र किया, जिसमें लिखा गया था, “फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालयों के संबंध में यह कहा गया है कि बलात्कार और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम से संबंधित लंबित मामलों के शीघ्र परीक्षण और निपटान के लिए समयबद्ध तरीके से एक केंद्र प्रायोजित योजना (60:40 शेयरिंग आधार) यानी फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट योजना अक्टूबर 2019 में शुरू की गई थी। 30 जून तक 409 अनन्य पॉस्को न्यायालयों सहित 752 एफटीएससी 30 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों में कार्यात्मक हैं, जिन्होंने योजना की शुरुआत से 2,53,000 से अधिक मामलों का निपटारा किया है।”

उन्होंने पत्र में आगे लिखा था, “इस योजना के तहत, पश्चिम बंगाल राज्य को कुल 123 एफटीएससी आवंटित किए गए थे, जिसमें 20 अनन्य पॉक्सो न्यायालय और 103 संयुक्त एफटीएससी शामिल थे जो बलात्कार और पॉक्सो अधिनियम दोनों मामलों से निपटते थे। हालांकि, इनमें से कोई भी अदालत जून 2023 के मध्य तक चालू नहीं हुई थी। पश्चिम बंगाल राज्य ने 8 जून के पत्र के माध्यम से योजना में भाग लेने की अपनी इच्छा व्यक्त की, जिसमें सात एफटीएससी शुरू करने की प्रतिबद्धता जताई गई। संशोधित लक्ष्य के तहत पश्चिम बंगाल को 17 एफटीएससी आवंटित किए गए हैं, जिनमें से 30 जून तक केवल 6 विशेष पॉक्सो न्यायालय ही चालू हो पाए हैं। पश्चिम बंगाल में बलात्कार और पॉक्सो के 48,600 मामले लंबित होने के बावजूद, राज्य सरकार ने शेष 11 एफटीएससी को शुरू करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। इस संबंध में कार्रवाई राज्य सरकार के पास लंबित है।”

अमित मालवीय ने अपने पोस्ट में आगे लिखा, “ममता बनर्जी को यह बताना चाहिए कि पश्चिम बंगाल सरकार ने महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा के लिए बनाए गए सख्त नियमों और विनियमों को लागू करने के लिए कुछ क्यों नहीं किया। पत्र लिखना बंद करें। सवालों के जवाब दें। आपकी जवाबदेही है।

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