November 30, 2024
Haryana

अमिताभ कांत: भारत को 35 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए 9-10% की दर से विकास करना होगा

करनाल, 21 फरवरी भारत के जी20 शेरपा और नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि देश को अपनी वृद्धि में तेजी लाने और अगले तीन दशकों तक 9-10 प्रतिशत की दर से विकास करने की जरूरत है।

2047 तक 35 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था। उन्होंने ये टिप्पणी अशोक विश्वविद्यालय, सोनीपत में ‘विकसित भारत’ बहस में मुख्य भाषण देते हुए की। उन्होंने कहा कि देश को इस दृष्टिकोण को साकार करने के लिए निरंतर नवाचार और व्यवधान की आवश्यकता है, डिजिटल और विनिर्माण-आधारित विकास पर ध्यान केंद्रित करें और क्लीनटेक और क्लाइमेटटेक जैसे उभरते क्षेत्रों की क्षमता को अधिकतम करें। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय में न्यू इंडिया जंक्शन (एनआईजे) और ओरेटर्स क्लब द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था।

पिछले दशक के दौरान भारत की विकास कहानी के बारे में बात करते हुए कांत ने कहा कि 2014 में नई सरकार कई आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रही थी। वस्तु एवं सेवा कर की शुरूआत, अर्थव्यवस्था का डिजिटलीकरण, कॉर्पोरेट कर में कमी और नए दिवालियापन और दिवाला कोड जैसे सुधार, व्यापक आर्थिक स्थिरीकरण प्राप्त करने के लिए बड़े चालक रहे हैं।

उन्होंने कहा कि 2015 से 2017 के बीच सरकार 550 मिलियन बैंक खाते खोलने, उन्हें आधार और मोबाइल फोन से जोड़ने में कामयाब रही। कांत ने कहा, इससे तेजी से भुगतान के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा मिला और भारत इस श्रेणी में वैश्विक नेता बन गया, जिससे “एक मिनट से भी कम समय में बीमा” जैसी सेवाओं तक पहुंच संभव हो गई।

सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि इसने “समानता के साथ विकास” को सक्षम किया है, 40 मिलियन घर, 110 मिलियन शौचालय, 243 मिलियन भारतीयों को जल कनेक्शन, 30 मिलियन घरों को बिजली और 77,000 किलोमीटर सड़कें प्रदान की हैं।

अशोक विश्वविद्यालय के सह-संस्थापक और न्यासी बोर्ड के अध्यक्ष प्रमथ राज सिन्हा ने कहा कि संस्थान सार्थक संवाद के लिए एक माहौल तैयार करने में दृढ़ता से विश्वास करता है जो आने वाले दशकों और उससे आगे के लिए देश की विकास कहानी को आकार देने में मदद कर सकता है।

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