September 10, 2025
Entertainment

10 सितंबर को मिला था अमिताभ को ‘सदी के अभिनेता’ का खिताब, मिस्र के मंच से गूंजी थी भारत की गूंज

Amitabh received the title of ‘Actor of the Century’ on 10 September, India’s voice echoed from the stage of Egypt

बॉलीवुड में अगर कोई नाम चार दशकों से भी ज्यादा वक्त से अपनी पहचान बनाए हुए है, तो वह हैं अमिताभ बच्चन। जब उन्होंने फिल्मों में कदम रखा था, तब किसी ने नहीं सोचा था कि एक लंबा, दुबला-पतला सा नौजवान एक दिन सदी का सबसे बड़ा अभिनेता कहलाएगा। उनके चाहने वाले न केवल भारत में, बल्कि दुनिया भर में मौजूद हैं।

यही वजह है कि जब 10 सितंबर 2001 को उन्हें मिस्र में आयोजित अलेक्जेंड्रिया इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में ‘सदी के अभिनेता’ के खिताब से नवाजा गया, तो यह सिर्फ एक पुरस्कार नहीं, बल्कि भारतीय सिनेमा के लिए एक अंतरराष्ट्रीय सम्मान बन गया।

अमिताभ बच्चन का फिल्मी सफर 1969 में फिल्म ‘सात हिंदुस्तानी’ से शुरू हुआ। यह फिल्म भले ही बॉक्स ऑफिस पर खास नहीं चली, लेकिन अमिताभ का शानदार अभिनय सबको याद रह गया। इसके बाद फिल्म ‘आनंद’ में उन्होंने कैंसर मरीज का इलाज करने वाले डॉक्टर भास्कर बनर्जी का किरदार निभाया, जो दर्शकों के दिल को छू गया। उन्हें इस फिल्म के लिए फिल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का पुरस्कार भी मिला।

असली पहचान उन्हें 1973 में फिल्म ‘जंजीर’ से मिली, जिसमें उन्होंने इंस्पेक्टर विजय खन्ना का रोल निभाया। यहीं से उनकी छवि एक ‘एंग्री यंग मैन’ की बनी, जिसने अन्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई। इसके बाद ‘दीवार’, ‘शोले’, ‘डॉन’, ‘त्रिशूल’, ‘अमर अकबर एंथनी’ जैसी कई सुपरहिट फिल्मों ने उन्हें बॉलीवुड का सबसे बड़ा सितारा बना दिया।

1970 और 1980 का दशक अमिताभ बच्चन के नाम रहा। उस दौर में वे हर साल एक से बढ़कर एक हिट फिल्में दे रहे थे। लेकिन उनके जीवन में मुश्किलें भी आईं। 1982 में ‘कुली’ फिल्म की शूटिंग के दौरान उन्हें गंभीर चोट लगी, जिसके चलते उनका कई महीनों तक इलाज चला। उनके लाखों चाहने वालों ने मंदिरों, मस्जिदों और गुरुद्वारों में उनके लिए दुआएं मांगीं।

फिल्मों के अलावा, साल 2000 में उन्होंने टीवी पर ‘कौन बनेगा करोड़पति’ शो से एंट्री की। उनके इस शो को आज भी पूरा देश बड़े ही दिलचस्प के साथ देखता है। इस शो ने न सिर्फ उनकी पहचान को नया जीवन दिया, बल्कि नई पीढ़ी को भी उनके करीब ला दिया। उसी दौर में उन्होंने ‘मोहब्बतें’, ‘बागबान’, ‘ब्लैक’, ‘पा’, ‘पिंक’, और ‘शमिताभ’ जैसी फिल्मों में अपनी उम्र और अनुभव के मुताबिक किरदार निभाए।

इन्हीं सारी उपलब्धियों, संघर्षों और योगदानों को देखते हुए 10 सितंबर, 2001 को अलेक्जेंड्रिया इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ने उन्हें ‘सदी के अभिनेता’ के खिताब से सम्मानित किया। मिस्र में हुआ यह सम्मान समारोह सिर्फ एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि यह भारतीय सिनेमा के प्रति दुनिया के सम्मान का प्रतीक बन गया। वहां मौजूद दर्शकों और अंतरराष्ट्रीय फिल्म समीक्षकों ने अमिताभ के काम को सराहा और खड़े होकर तालियां बजाईं।

अपने करियर में अमिताभ बच्चन को कई बड़े सम्मान मिल चुके हैं। उन्हें भारत सरकार की ओर से पद्म श्री (1984), पद्म भूषण (2001), और पद्म विभूषण (2015) से सम्मानित किया गया है। उन्हें दादा साहेब फाल्के पुरस्कार भी मिल चुका है, जो भारतीय सिनेमा का सबसे बड़ा सम्मान माना जाता है।

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