N1Live Entertainment अमृता सुभाष ने बताया, क्या है जीवन जीने की कला
Entertainment

अमृता सुभाष ने बताया, क्या है जीवन जीने की कला

Amrita Subhash told, what is the art of living life

अभिनेत्री अमृता सुभाष की अपकमिंग फिल्म ‘चिड़िया’ रिलीज के लिए तैयार है। इस बीच, अभिनेत्री ने एक कलाकार के तौर पर अव्यवस्था में व्यवस्था खोजने की अपनी प्रक्रिया और अपने फायदे के रूप में इस्तेमाल करने पर बात की। अभिनेत्री का मानना है कि यही जीवन जीने की कला है।

अभिनेत्री ने अपनी फिल्म की रिलीज से पहले समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात की और कहा कि वह खुद को शांत करने के लिए सभी 5 इंद्रियों पर ध्यान केंद्रित करती हैं।

अव्यवस्था में व्यवस्था खोजने की अपनी प्रक्रिया के बारे में उन्होंने बताया, “मुझे लगता है कि हमें न केवल प्रदर्शन में बल्कि जीवन में भी इन बातों को अपनाना होगा। यही जीवन जीने की कला है। इसके लिए, मेरे पास कुछ संसाधन हैं, जैसे मनोचिकित्सा। मेरे पास एक बहुत अच्छा संसाधन है, जिसका मैं बहुत उपयोग करती हूं और वो हैं पांच इंद्रियां।

आप उलझन या अव्यवस्था में हैं और आपको किसी ऐसे सीन की शूटिंग करनी है, जो एकदम शांत या संवेदनशील है, तो ऐसे में आपको अपनी मानसिक शांति पर काम करना होगा। इसके लिए बेस्ट तरीका है अपनी पांचों इंद्रियों पर ध्यान केंद्रित करना।”

उन्होंने आगे बताया, “मेरे पास एक दृष्टि है। मैं अपने आस-पास कुछ देखती हूं, उस पर ध्यान केंद्रित करती हूं। यहां तक कि मैं एसी की आवाज सुनती हूं, तो भी अपनी सारी ऊर्जा और ध्यान एसी की आवाज पर लगाती हूं या मैं बस अपने कपड़े को छूती हूं और विचार करती हूं कि कपड़े की बनावट कैसी है? मैं आज से नहीं बल्कि कई सालों से ऐसा करती आ रही हूं।”

उन्होंने आगे बताया, “मैं वियतनामी भिक्षुओं की बातें सुनती हूं और दिनचर्या में उन्हें शामिल करने की कोशिश करती हूं।”

चिड़िया के बारे में बता दें, इसमें अमृता सुभाष के साथ विनय पाठक और बाल कलाकार स्वर कांबले और आयुष पाठक मुख्य भूमिका में हैं, जो मुंबई के एक तंग चॉल में अपनी बुआ के साथ रहते हैं लेकिन, उनकी आंखों में सपने बड़े हैं।

फिल्म 30 मई को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।

Exit mobile version