महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर देशभर के मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया। अमृतसर के शिवालभैया मंदिर में भी भारी भीड़ देखने को मिली, जहां दूर-दूर से श्रद्धालु भगवान शिव की पूजा करने पहुंचे।
शिव भक्तों ने बताया कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की शादी हुई थी। इस दिन का महत्व विशेष रूप से बहुत बड़ा माना जाता है। मंदिरों में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी हुई हैं, जहां भक्त बाबा भोलेनाथ से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए माथा टेकते हैं और पूजा करते हैं।
इस अवसर पर पंडित मेघा शामलाल शर्मा ने आईएएनएस को बताया कि शिवरात्रि पर लोग विशेष रूप से व्रत रखते हैं और नमक का सेवन नहीं करते। उन्होंने बताया कि शिव भक्तों के लिए यह दिन बहुत खास होता है और इस दिन अधिकांश लोग व्रत रखते हैं, जिनमें कुछ फलाहार करते हैं, तो कुछ निराहार रहते हैं। महाशिवरात्रि का व्रत विशेष रूप से फलदायी माना जाता है।
पंडित जी ने बताया कि इस दिन श्रद्धालु विविध प्रकार से पूजा करते हैं, जैसे फूल-माला, बेल पत्र और धतूरा चढ़ाकर भोले बाबा की पूजा करना। खासकर धतूरा चढ़ाने से बाबा बहुत खुश होते हैं। इसके अलावा, कई श्रद्धालु कच्ची लस्सी और दूध से शिवलिंग का अभिषेक करते हैं। इस दिन रुद्राभिषेक का विशेष महत्व है, जो रात में होता है।
मंदिर प्रबंधन कमेटी की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए मंदिर परिसर में सुरक्षा व्यवस्था को और भी सख्त किया गया है।
महाशिवरात्रि के इस खास अवसर पर अमृतसर के मंदिरों में शिव भक्तों का मेला लगा हुआ है, जहां भक्त पूरी श्रद्धा के साथ भोलेनाथ की पूजा-अर्चना कर रहे हैं और अपने जीवन में सुख-समृद्धि की कामना कर रहे हैं।