मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशों के अनुसार पंजाब को एक सुरक्षित राज्य बनाने के लिए चल रहे अभियान के बीच, नशीले पदार्थों और आतंकवाद के गठजोड़ के खिलाफ एक बड़ी सफलता हासिल हुई है। पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने शनिवार को यहां बताया कि राज्य विशेष अभियान प्रकोष्ठ (एसएसओसी) एसएएस नगर ने सेना के भगोड़े राजबीर सिंह उर्फ फौजी को बिहार के मोतिहारी में भारत-नेपाल सीमा के पास स्थित रक्सौल कस्बे से उस समय गिरफ्तार किया जब वह नेपाल के रास्ते देश से भागने की कोशिश कर रहा था। उसके पास से 500 ग्राम हेरोइन और एक हथगोला बरामद किया गया है।
यह घटनाक्रम फाजिल्का के काशी राम कॉलोनी निवासी चिराग नामक उसके सहयोगी की गिरफ्तारी के तुरंत बाद सामने आया है। उसके पास से 407 ग्राम हेरोइन और एक 9 एमएम पिस्टल बरामद की गई थी। चिराग आरोपी राजबीर के लिए कूरियर का काम करता था और मादक पदार्थों की तस्करी से प्राप्त धन को राजबीर तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था, इस प्रकार वह मादक पदार्थों की आपूर्ति श्रृंखला में एक अहम कड़ी था।
डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि गिरफ्तार आरोपी राजबीर की प्रारंभिक जांच से पता चला है कि वह 2011 में भारतीय सेना में भर्ती हुआ था और फरवरी 2025 में तब भाग गया जब उसके और उसके साथियों के खिलाफ इस साल की शुरुआत में अमृतसर ग्रामीण के घरिंदा पुलिस स्टेशन में आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम की धारा 3, 4 और 5 के तहत जासूसी का मामला दर्ज किया गया था।
डीजीपी ने बताया कि जांच से हरियाणा के सिरसा स्थित महिला पुलिस स्टेशन पर हुए ग्रेनेड हमले की साजिश में गिरफ्तार दोनों आरोपियों की भूमिका और पुख्ता हो गई है। उन्होंने आगे बताया कि आरोपी राजबीर और चिराग ने अमृतसर ग्रामीण के गुरजंत सिंह को हथगोले पहुंचाए थे, जिसे हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने चिराग के जरिए गुरजंत को आर्थिक सहायता भी पहुंचाई थी। गुरजंत को दी गई धनराशि हमलावरों तक पहुंचाई गई और इसका इस्तेमाल ग्रेनेड हमले को अंजाम देने में किया गया।
डीजीपी ने कहा कि इस मामले में आगे और पीछे के संबंधों का पता लगाने के लिए आगे की जांच जारी है।
एआईजी एसएसओसी एसएएस नगर डी सुदरविझी ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि जांच में यह भी सामने आया है कि 2022 में गिरफ्तार आरोपी राजबीर सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तान स्थित कुछ संस्थाओं के संपर्क में आया और हेरोइन की खेप तक पहुंच के बदले उसने संवेदनशील और गोपनीय सैन्य जानकारी देना शुरू कर दिया और अन्य सेना कर्मियों को इन एजेंटों से मिलवाया। उन्होंने बताया कि मामला दर्ज होने के बाद राजबीर फरार हो गया और नेपाल को अपना छुपने का ठिकाना बनाया। वह पंजाब और नेपाल के बीच लगातार आता-जाता रहा और अपने मादक पदार्थों की तस्करी के धंधे जारी रखे।
एआईजी ने बताया कि राजबीर ने आगे खुलासा किया कि पाकिस्तान स्थित उसके सहायक उसे भारत से नेपाल होते हुए यूरोप भागने में मदद कर रहे थे। उन्होंने बताया कि पारगमन हिरासत प्राप्त करने के बाद आरोपी को पंजाब लाया गया।
इस संबंध में, पुलिस स्टेशन एसएसओसी एसएएस नगर में एनडीपीएस अधिनियम की धारा 21, शस्त्र अधिनियम की धारा 25(1) और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 61(2) के तहत मामला एफआईआर संख्या 14 दिनांक 10.12.2025 दर्ज की गई है।


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