उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज विधानसभा को आश्वासन दिया कि हिमाचल प्रदेश विद्युत निगम लिमिटेड (एचपीपीसीएल) के मुख्य अभियंता विमल नेगी की मृत्यु की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच की जाएगी, क्योंकि उनके निधन से हर कोई आहत और दुखी है।
अग्निहोत्री शून्यकाल के दौरान नैना देवी विधायक रणधीर शर्मा द्वारा दिए गए मांग पत्र का जवाब दे रहे थे, जिसमें कहा गया था कि मुख्य अभियंता की मौत के मामले में दर्ज एफआईआर में एक आईएएस अधिकारी का नाम भी शामिल किया जाना चाहिए, जिसके खिलाफ आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने कहा, “जांच के दौरान जो भी नाम सामने आएंगे, उन्हें एफआईआर में शामिल किया जाएगा, इसलिए इस मामले में कोई संदेह नहीं होना चाहिए।”
शर्मा ने कहा, “आईएएस अधिकारी का नाम अवश्य दर्ज होना चाहिए। एफआईआर नाम से होनी चाहिए क्योंकि अधिकारियों का नियमित रूप से तबादला होता रहता है। इसके अलावा, जब एफआईआर दर्ज की गई, तो उक्त आईएएस का एचपीपीसीएल से तबादला हो चुका था, इसलिए उसका नाम एफआईआर में अवश्य जोड़ा जाना चाहिए।”
नैना देवी विधायक ने निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए मामले को सीबीआई को सौंपने की मांग के बारे में भी जानकारी मांगी। उन्होंने कहा, “एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के बारे में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिससे उनके अधीनस्थों में चिंता और तनाव पैदा हो रहा है। क्या सरकार ने इस पर ध्यान दिया है?”
विमल नेगी के परिवार की शिकायत पर न्यू शिमला थाने में दो आईएएस अधिकारियों समेत तीन अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। एचपीपीसीएल में तैनात नेगी 10 मार्च को लापता हो गए थे और एक हफ्ते बाद उनका शव बिलासपुर के गोविंद सागर बांध में मिला था।
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