लंदन, तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन अगले सीज़न डिवीजन टू काउंटी चैंपियनशिप में पेशेवर वापसी के लिए तैयार हैं। उन्होंने खु़लासा किया कि उनकी तीनों प्रारूपों में वापसी के लिए लंकाशायर के साथ बातचीत चल रही है।
जुलाई 2024 में लॉर्ड्स में वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ एंडरसन ने 188वां और अपने करियर का आख़िरी टेस्ट खेला था। उन्होंने 21 सालों तक इंग्लैंड के लिए खेलते हुए 26.45 की औसत से 704 विकेट लिए और तब से वह पेशेवर क्रिकेट से दूर हैं।
हालांकि दिसंबर में हुई आईपीएल नीलामी में खु़द को रखकर उन्होंने दिखाया कि उनका काम अभी ख़त्म नहीं हुआ है। वह उस नीलामी में बिके नहीं थे और इंग्लैंड के टेस्ट गेंदबाज़ी कोच के रूप में अपनी भूमिका के दौरान वे फ़िट बने रहे, नियमित रूप से नेट पर अभ्यास करने के साथ-साथ टीम के स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोचों के साथ भी काम किया।
टेलीग्राफ़ की मानें तो उन्होंने लंकाशायर के साथ कम से कम एक फ़ाइनल सीज़न खेलने का वादा किया है। क्लब ने उनको उनके करियर में पहली बार साइन किया था जब वह बेहद युवा था और इसी क्लब के लिए उन्होंने 2002 में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में डेब्यू किया।
लंकाशायर पिछले सत्र में काउंटी चैंपियनशिप में शीर्ष पर नहीं रह सकी, लेकिन एंडरसन ने जून में साउथपोर्ट में नॉटिंघमशायर के ख़िलाफ़ अपने एकमात्र मैच में 35 रन देकर सात विकेट लेकर प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अपनी स्थायी क्षमता का प्रदर्शन किया था।
उनके 2025 सत्र की शुरुआत से उपलब्ध होने की उम्मीद है, जिसमें वह 4 से 7 अप्रैल तक लंकाशायर के लिए मिडिलसेक्स के ख़िलाफ़ लॉर्ड्स में वापसी करेंगे और इस दौरान वह अपनी कोचिंग की भूमिका भी जारी रख सकते हैं। मई में ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ एकमात्र मैच से पहले वह पांच मैचों में खेल सकते हैं।
एंडरसन की वापसी को उनके बढ़ते मीडिया कर्तव्यों के साथ जोड़ना होगा, जबकि लंकाशायर को एक दशक से अधिक समय में पहली बार उन्हें वेतन भी देना होगा, क्योंकि अब वह ईसीबी के केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ी नहीं हैं।
लंकाशायर का पहला घरेलू मैच चैंपियनशिप के दूसरे दौर में ओल्ड ट्रैफ़र्ड में नॉर्थम्पटनशायर के ख़िलाफ़ होगा, जो 11 अप्रैल से शुरू होगा।
वह लंकाशायर की सफ़ेद गेंद टीम में भी शामिल हो सकते हैं, हालांकि उन्होंने एक दशक से ज़्यादा समय से टी20 क्रिकेट का कोई भी प्रारूप नहीं खेला है। इस प्रारूप में उनका आखिरी मैच 2014 में टी20 ब्लास्ट फ़ाइनल में आया था, जहां लंकाशायर चार रन से हारी थी।