नई दिल्ली, 30 सितंबर । तमिलनाडु पुलिस द्वारा अपने नेताओं की गिरफ्तारी से भड़के विश्व हिंदू परिषद ने राज्य की स्टालिन सरकार को हिंदू द्रोही मानसिकता से बाज आने की नसीहत देते हुए तमिलनाडु सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन खड़ा करने की चेतावनी दी है।
विश्व हिंदू परिषद के केन्द्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेन्द्र जैन ने तमिलनाडु की स्टालिन सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पहले इन्होंने सनातन हिंदू धर्म के विरुद्ध विषवमन किया और अब हिंदू संगठनों द्वारा किए जा रहे शांतिपूर्ण कार्यक्रमों पर रोक लगाकर यह स्पष्ट कर दिया है कि वह तमिलनाडु की पावन धरा से हिंदू धर्म को समाप्त करने के अपने अपवित्र एजेंडे को पूरा करना चाहती है।
विहिप नेता ने आगे कहा कि बजरंग दल एक राष्ट्रभक्त संगठन है, जो देश के युवाओं में देशभक्ति का भाव जाग्रत करता है और राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्य को पूरा करने के लिए प्रेरित करता है। उनके कार्यक्रमों पर रोक लगाना और उनके पदाधिकारीयों को गिरफ्तार करना न केवल असंवैधानिक है अपितु, राष्ट्र विरोधी तत्वों को प्रोत्साहन देना है।
विहिप के मुताबिक, दक्षिण तमिलनाडु के बजरंग दल द्वारा शौर्य जागरण यात्रा कन्याकुमारी में प्रारंभ होने वाली थी। इस यात्रा को डीएमके सरकार ने अनुमति नहीं दी। उन्होंने न केवल पब्लिक मीटिंग या हाल मीटिंग को अनुमति नहीं दी बल्कि सभी फंक्शन हॉल्स के मालिकों को भी नोटिस भेजा है कि किसी भी फंक्शन हॉल, यहां तक कि मंदिरों में भी इस प्रकार के कार्यक्रम नहीं होंगे।
विहिप ने आरोप लगाया कि कन्याकुमारी में प्रारंभ होने वाली यात्रा के लिए पहुंचे दक्षिण तमिलनाडु प्रांत के संगठन मंत्री सेतुरामन व बजरंग दल के प्रांत संयोजक भीमराव सहित सैंकड़ों कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार भी कर लिया गया है।
इसी तरह उत्तर तमिलनाडु के चेन्नई से प्रारंभ होने वाले यात्रा को भी सरकार ने अनुमति नहीं दी। हॉल मीटिंग को भी अनुमति नहीं दी गई है और हर जगह पुलिस को रखकर कार्यकर्ताओं पर दबाव दिया जा रहा है।
जैन ने तमिलनाडु सरकार के रवैये को लेकर बयान जारी कर कहा कि विहिप स्टालिन सरकार के इस दमन चक्र की कठोर शब्दों में निंदा करती है और चेतावनी देती है कि वह अपने हिंदू विरोधी एजेंडे से बाज आऐं। तमिलनाडु की पावन धरती, जहां का कण-कण हिंदुत्व के रंग में रंगा है, वहां अब कोई हिंदू विरोधी एजेंडा सफल नहीं हो पाएगा। यदि सरकार का यही रवैया रहा तो विहिप को तमिलनाडु में एक बड़े आंदोलन की तैयारी करनी पड़ेगी।
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