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अंजेल चकमा हत्याकांड: एनएचआरसी ने लिया संज्ञान, उत्तराखंड सरकार से मांगी विस्तृत रिपोर्ट

Anjali Chakma murder case: NHRC takes cognizance, seeks detailed report from Uttarakhand government

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने उत्तराखंड के देहरादून में त्रिपुरा के छात्र की हत्या के मामले में संज्ञान लिया है। इस मामले में एनएचआरसी सदस्य प्रियंक कानूनगो की अध्यक्षता वाली पीठ ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर अब तक की गई कार्रवाई पर विस्तृत रिपोर्ट तलब की।

आयोग ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक को पूरे राज्य में पूर्वोत्तर के छात्रों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए हैं। रिपोर्ट में जांच की प्रगति, आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए उठाए गए कदम और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए किए गए उपायों का विवरण शामिल किए जाने की अपेक्षा की गई है।

बता दें कि त्रिपुरा के छात्र की हत्या मामले में उत्तराखंड सरकार ने पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर एंजेल चकमा के पिता तरुण प्रसाद चकमा को पहली किस्त के रूप में 4 लाख 12 हजार 500 रुपए की आर्थिक सहायता स्वीकृत कर जारी कर दी है। यह सहायता राशि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 तथा नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 के प्रावधानों के अंतर्गत दी गई है।

एंजेल की मौत देहरादून में कथित तौर पर नस्लीय अपशब्द को लेकर हुए जानलेवा हमले के बाद हुई थी। 26 दिसंबर को अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एंजेल चकमा के पिता तरुण प्रसाद चकमा से फोन पर बातचीत की थी। इस दौरान उन्होंने एंजेल की हत्या पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की थी। मुख्यमंत्री धामी के अनुसार, इस मामले में अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

अधिकारियों और परिवार के सदस्यों के अनुसार, उत्तराखंड के एक विश्वविद्यालय में एमबीए के अंतिम वर्ष के छात्र और सीमा सुरक्षा बल में कांस्टेबल के बेटे ने 26 दिसंबर को देहरादून के एक अस्पताल में चोटों के कारण दम तोड़ दिया। चकमा आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वाला छात्र 9 दिसंबर को बदमाशों के एक समूह के हमले में गंभीर रूप से घायल हो गया था, जिन्होंने कथित तौर पर नस्लीय टिप्पणियां की थीं।

इस जघन्य घटना से पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र में भारी आक्रोश फैल गया, जिसमें लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता और असम से सांसद गौरव गोगोई, मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा, उनके मेघालय के समकक्ष कॉनराड के संगमा और कई संगठनों ने सोमवार को इस हमले की निंदा करते हुए इसे एक भयानक नफरत भरा अपराध बताया और दोषियों के लिए कड़ी सजा की मांग की।

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