शिमला, 23 मार्च
मौसम विभाग के अनुसार, ऊंचे इलाकों और आदिवासी इलाकों में एक बार फिर हल्की बारिश हुई है। कधराला और गोंडला में तीन सेंटीमीटर और एक सेंटीमीटर बर्फबारी हुई है, जबकि मध्य और निचले इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश हुई है।
पिछले सप्ताह में हल्की से भारी बारिश ने बारिश की कमी को 15 मार्च को 86 प्रतिशत से घटाकर 22 मार्च को 54 प्रतिशत कर दिया है, क्योंकि राज्य में मार्च से लेकर दिन तक 85.5 मिमी की सामान्य बारिश के मुकाबले 39.1 मिमी बारिश हुई है।
कृषि निदेशक राजेश कौशिक ने कहा कि सोलन और सिरमौर जिले में सब्जियों की फसलों के लिए बारिश विशेष रूप से रोपाई के चरण में फायदेमंद है।
उन्होंने कहा कि अनाज बनने की अवस्था में बारिश को गेहूं की फसल के लिए भी अच्छा माना जाता है। राज्य में 6.17 लाख मीट्रिक टन (मीट्रिक टन) के उत्पादन लक्ष्य के साथ 3.30 लाख हेक्टेयर में गेहूं का उत्पादन किया जा रहा है, जबकि 1,759 हजार मीट्रिक टन के उत्पादन लक्ष्य के साथ 82,000 हेक्टेयर क्षेत्र को सब्जियों के तहत कवर करने का प्रस्ताव है।
राज्य में 1 जनवरी से 28 फरवरी तक कुल बारिश में लगभग 36 प्रतिशत की कमी देखी गई, जो पिछले साल दिसंबर के महीने में लगभग 100 प्रतिशत थी।
राज्य में कुल रबी फसलों का लगभग 10-15 प्रतिशत नुकसान हुआ है
अपर्याप्त बारिश और 33 प्रतिशत तक की अधिकतम क्षति की सूचना मिली थी
वर्षा आधारित क्षेत्रों, कृषि विभाग के अधिकारियों ने बनाए रखा।
राज्य के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई, जिसके दौरान सुंदरनगर में 34 मिमी बारिश हुई, इसके बाद मंडी में 26 मिमी, डलहौजी में 24 मिमी, चौरी में 21 मिमी, नारकंडा में 19 मिमी, पालमपुर में 14 मिमी, धर्मशाला, पंडोह और नाहन में 13-13 मिमी बारिश हुई। कोठी व जंजैहली में 12-12 मिमी, गोहर में 11 मिमी, अघर, शिलारो, बंजार व करसोग में 10-10 मिमी.
स्थानीय मौसम विज्ञान (MeT) कार्यालय ने 24 मार्च को ऊना, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला और सोलन सहित छह जिलों में आंधी, बिजली और ओलावृष्टि के लिए नारंगी चेतावनी जारी की है और राज्य के शेष छह जिलों में इसके लिए एक पीली चेतावनी जारी की है। राज्य।
कार्यालय ने 28 मार्च तक क्षेत्र में बारिश की भी भविष्यवाणी की है
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