चेक गणराज्य के एक 42 वर्षीय पैराग्लाइडर की बुधवार को मनाली और रोहतांग दर्रे के बीच स्थित मढ़ी के पास हुई दुर्घटना में मौत हो गई।
यह दुर्घटना तब हुई जब अकेली पैराग्लाइडर मिसुरकोवा डिटा ने ग्लाइडर पर नियंत्रण खो दिया। उसे तुरंत मनाली के मिशन अस्पताल ले जाया गया, जहां संबंधित चिकित्सा अधिकारी ने उसे मृत घोषित कर दिया।
वह एक शौकीन पैराग्लाइडर थीं और कल से कांगड़ा जिले के बीर-बिलिंग में शुरू होने वाले पैराग्लाइडिंग विश्व कप, 2024 के लिए अभ्यास करने के लिए विदेशी पैराग्लाइडरों के एक समूह के साथ आई थीं।
मरही में पैराग्लाइडिंग साइट को पर्यटन विभाग ने मंजूरी दे दी है। यह उस जगह पर पहली दुर्घटना थी, जहां पूरी उड़ान सिर्फ पांच मिनट की है। पुलिस ने कहा कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 194 के तहत जांच की जा रही है और प्रथम दृष्टया किसी गड़बड़ी का कोई सबूत नहीं मिला है।
विश्व कप से पहले राज्य में दो पैराग्लाइडरों की मौत हो गई है। मंगलवार को बीर-बिलिंग में एक बेल्जियम पैराग्लाइडर की दूसरे पैराग्लाइडर से हवा में टक्कर हो जाने के कारण मौत हो गई।
कल एक रूसी पैराग्लाइडर को कुल्लू के लग घाटी क्षेत्र में भुट्टी गांव के निकट एक बाग में आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी।
पैराग्लाइडर ने मनाली से उड़ान भरी थी, लेकिन मौसम खराब होने के कारण उन्हें आपातकालीन लैंडिंग करानी पड़ी। इससे पहले 25 अक्टूबर को बीर-बिलिंग से उड़ान भरने वाले तीन विदेशी पैराग्लाइडरों को हेलीकॉप्टर के जरिए बचाया गया था, क्योंकि वे कुल्लू के लुग घाटी और फोजल क्षेत्र के ऊंचे इलाकों में फंस गए थे।
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