हमीरपुर के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कल भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों से बात करते हुए कहा, “या तो आप काम करने में सक्षम नहीं हैं या आप ठेकेदारों को उनके गलत कामों के लिए बचा रहे हैं।” ये अधिकारी धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में हमीरपुर से मंडी तक गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-3 के निर्माण के लिए जिम्मेदार हैं।
अनुराग धर्मपुर के बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे पर थे, जब लोगों ने उन्हें राजमार्ग निर्माण कंपनी के गैर-ज़िम्मेदाराना व्यवहार और काम के बारे में बताया। संबंधित अधिकारियों ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन यह नहीं बता पाए कि तकनीकी और वैज्ञानिक मानदंडों का उल्लंघन करते हुए पहाड़ियों की कटाई क्यों की जा रही है।
अनुराग ने मौके पर मौजूद एनएचएआई के अधिकारियों को बताया कि खड़ी कटाई की गई पहाड़ियों ने न सिर्फ़ एक सीढ़ी को नुकसान पहुँचाया है, बल्कि आखिरी बिंदु तक खिसककर दूसरी और तीसरी सीढ़ी को भी क्षतिग्रस्त कर दिया है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस घटना के एक वीडियो में एक अधिकारी ने पूर्व परियोजना निदेशक को यह कहकर बदनाम करने की कोशिश की कि उनके द्वारा बनाई गई एक ब्रेस्ट वॉल पिछले साल क्षतिग्रस्त हो गई थी। अनुराग ने अधिकारी से पूछा कि जब एक साल बाद भी रिटेंशन वॉल नहीं बन पाई, तो एनएचएआई या केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय तय समय में हाईवे का निर्माण कैसे पूरा करेगा।
पता चला है कि धरमपुर में हाईवे के 22 किलोमीटर हिस्से में से निर्माण कंपनी ने 15 किलोमीटर पहाड़ काटकर सड़क बनाई है और सिर्फ़ 7 किलोमीटर का निर्माण किया है। प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों ने अनुराग से शिकायत की कि न तो निर्माण कंपनी के कर्मचारी और अधिकारी, न ही एनएचएआई और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय उनकी समस्या सुनता है।
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