नई दिल्ली, 18 दिसंबर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को राज्यसभा में आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस को जमकर घेरा। जिसको लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। संसद से सड़क तक चर्चा है। उच्च सदन में हुई बहस में उठाए गए मुद्दों को लेकर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने राय रखी। उनके मुताबिक गैर जरूरी मसलों पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है।
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि देश में हिंदू-मुसलमान के अलावा भी और बहुत कुछ है। इस देश के अंदर देश का नौजवान बेरोजगार है, देश का किसान परेशान है, देश का व्यापारी बदहाल है। वहीं महंगाई आसमान को छू रही है 100 रुपये मटर बिक रहा है, लोगों को रसोई चलाना मुश्किल हो गया, सरकार को बेवजह के मुद्दों की बजाय जनहित के विषय की तरफ ध्यान देना चाहिए।
अमित शाह के यूसीसी वाले बयान पर इमरान मसूद ने कहा कि उसका क्या प्रारूप होगा और किस प्रकार से करेंगे, ये देखने वाली बात होगी। आदिवासी समाज के रीति-रिवाज अलग है। नॉर्थ इंडिया और साउथ इंडिया की अपनी अलग पंरपरा है। ये कैसे संभव होगा पता नहीं। मैं अभी इस पर कुछ नहीं कह सकता।
मंगलवार को राज्यसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संविधान पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा, “हमारा लोकतंत्र पाताल से भी गहरा है। कांग्रेस 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण सीमा बढ़ाकर मुसलमानों को आरक्षण देना चाहती है। दोनों सदन में जब तक भाजपा का एक भी सदस्य है, धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं होने देंगे, ये संविधान विरोधी है।”
वहीं यूसीसी को लेकर अमित शाह ने कहा कि, “हम लोकतांत्रिक तरीके से काम करते हैं। एक ऐसा कानून जिसे सामाजिक जीवन में बड़े बदलाव लाने वाला माना जाता है, उसे उत्तराखंड ने आदर्श कानून के रूप में पारित किया। कानूनी और धार्मिक प्रमुखों द्वारा समीक्षा के बाद भाजपा सरकारें सभी राज्यों में समान नागरिक संहिता लागू करेंगी।”
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