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अपैक्स बैंक भर्ती विवाद : मंत्री विश्वास सारंग ने कहा, ‘विपक्ष के आरोप भ्रामक और तथ्यहीन’

Apex Bank Recruitment Controversy: Minister Vishwas Sarang said, 'Opposition's allegations are misleading and factless'

मध्य प्रदेश के अपैक्स बैंक में चल रही भर्ती प्रक्रिया ने सियासत को गर्मा दिया है। कई लोग सवालों के घेरे में हैं। वहीं, मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस भी हमलावर है। इसी बीच राज्य के युवा कल्याण मंत्री विश्वास सारंग ने भर्ती प्रक्रिया को लेकर बयान दिया है।

मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि अपैक्स में नियुक्ति को लेकर संजय भटनागर का नाम आया है और उन्हें मेरा ओएसडी बताया गया है। जबकि, संजय भटनागर मेरे ओएसडी नहीं हैं। अपैक्स बैंक में रिक्त पदों पर लिखित परीक्षा ऑनलाइन कराई गई है। यह परीक्षा आईबीपीएस मुंबई के माध्यम से नियमानुसार कराई गई। आईबीपीएस वह संस्था है, जो आरबीआई, व्यावसायिक बैंक, नाबार्ड, आरआरबी आदि के कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया संपादित करती है।

चयन प्रक्रिया पर सवाल को लेकर मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि साक्षात्कार और लिखित परीक्षा के नंबर मिलाकर मेरिट लिस्ट बनाई जाती है। लिखित परीक्षा की मेरिट लिस्ट नहीं बनती है। जिन नामों को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं, उनमें प्रथम गुप्ता एमडी. मनोज कुमार गुप्ता के भतीजे नहीं हैं, न ही उनके किसी रिश्तेदार ने परीक्षा में भाग लिया है। इसके अलावा रिटायर्ड ज्वाइंट रजिस्ट्रार एसएन कोरी की बेटी मोना नहीं हैं, उनकी एकमात्र पुत्री का नाम सुनीता कोरी है, जो 42 वर्ष की हैं और वो परीक्षा में भाग ही नहीं ले सकती हैं।

मंत्री विश्वास सारंग ने आगे कहा कि अपैक्स बैंक के ओएसडी अरुण मिश्रा के किसी भी रिश्तेदार ने उक्त परीक्षा में भाग नहीं लिया है और न ही संकल्प मिश्रा उनके भतीजे हैं। अपैक्स बैंक भर्ती चयन प्रक्रिया में लगाए गए आरोप पूरी तरह से भ्रामक और तथ्यहीन हैं।

दूसरी तरफ कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भर्ती प्रक्रिया को लेकर कहा है कि बिना अंकों के सीधे इंटरव्यू से मेरिट लिस्ट जारी करना भाजपा के भ्रष्टाचार की नई मिसाल है। विश्वास सारंग के ओएसडी और उनके रिश्तेदारों के चयन से बाकी योग्य युवाओं के सपनों का गला घोंटा गया।

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