कमीशन एजेंटों को पिछले कुछ सालों से सेब उत्पादकों को करीब 26 करोड़ रुपए का भुगतान करना है। करीब 600 सेब उत्पादकों ने विभिन्न कमीशन एजेंटों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
चौपाल से भाजपा विधायक बलबीर वर्मा द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में सरकार ने विधानसभा में यह जानकारी पेश की। सबसे बड़े डिफॉल्टरों में हिमाचल रोज एप्पल फ्रूट एंड वेजिटेबल, तोमर फ्रूट एंड वेजिटेबल कंपनी, अनम फ्रूट कंपनी, एसएससी, नोइला फ्रूट ट्रेडर्स आदि शामिल हैं।
संयोग से, सेब उत्पादकों को कमीशन एजेंटों से उनका पैसा वापस दिलाने में मदद करने के लिए 2019 में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था। एसआईटी को धोखाधड़ी और लंबित भुगतान की 1,500 से अधिक शिकायतें मिली थीं। उस समय, एसआईटी प्रभारी ने दावा किया था कि अधिकांश शिकायतों का समाधान कर दिया गया है और उत्पादकों को 20 करोड़ रुपये का लंबित भुगतान किया गया है।
सरकार के जवाब के अनुसार, एसआईटी में शामिल पुलिसकर्मियों का तबादला कर दिया गया है तथा लंबित मामलों की जांच अपराध शाखा के अधिकारियों द्वारा की जा रही है।
बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि बागवानों को भुगतान न करने पर हिमाचल प्रदेश कृषि एवं बागवानी उत्पाद विपणन (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 2005 के प्रावधानों के अनुसार एजेन्टों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।