December 26, 2025
National

गोवा में ‘मध्यस्थता जागरूकता वॉकथॉन’ का आयोजन, सीजेआई सूर्यकांत समेत कई जजों और वकीलों ने लिया हिस्सा

‘Arbitration Awareness Walkathon’ organised in Goa, attended by CJI Surya Kant, several judges and lawyers

गोवा में शुक्रवार को बार काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से ‘मध्यस्थता जागरूकता वॉकथॉन’ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में भारत के मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत के अलावा सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के कई जजों ने हिस्सा लिया। देश के अलग-अलग हिस्सों से वकील और लॉ के छात्र भी जागरुकता वॉकथॉन का हिस्सा बने।

सुप्रीम कोर्ट के वकील और भाजपा सांसद मनन कुमार मिश्रा ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि संदेश यह है कि कोर्ट में केस का जो बोझ है, जिसे सुलझाने में सालों लग जाते हैं, उसे देखते हुए आज किसी भी झगड़े को सुलझाने के लिए ‘मध्यस्थता’ सबसे अच्छा तरीका है। इसे बढ़ावा देने के लिए, बार काउंसिल ऑफ इंडिया की लीडरशिप में और इंटरनेशनल संस्था आईआईयूएलईआर, गोवा के साथ मिलकर गोवा में ‘मध्यस्थता’ के लिए एक जागरूकता अभियान चलाने का फैसला किया गया है। इसका मकसद ‘मध्यस्थता’ के बारे में जागरूकता फैलाना है ताकि देश की कोर्ट पर बोझ कम हो सके।

उन्होंने कहा कि ‘मध्यस्थता’ का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपसी बातचीत और समझ से झगड़ों को कम समय में सुलझाया जा सकता है। मनन कुमार मिश्रा ने कहा, “भारत में पंचायती सिस्टम के जरिए ‘मध्यस्थता’ का पुराना रिवाज है, जहां झगड़ों को आपसी सहमति से सुलझाया जाता था। अब, हम ‘मध्यस्थता’ को पहली प्राथमिकता देने के लिए जागरूकता फैला रहे हैं। अगर कोई झगड़ा ‘मध्यस्थता’ से नहीं सुलझता है, तभी हमें कोर्ट का रुख करना चाहिए।”

भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कहा, “हर विवाद या संघर्ष अलग होता है और अदालतों में मामलों का निपटारा समय लेता है, जिससे तुरंत समाधान नहीं मिल पाता। अगर इन विवादों को ‘मध्यस्थता’ के माध्यम से सुलझाया जाए, तो समाधान संभव है, चाहे वह पारिवारिक मामला हो या कोई अन्य। मुख्य बात है कि मुद्दों को समय रहते सुलझाया जाए।”

गोवा में कार्यक्रम को लेकर उन्होंने कहा कि यहां का वातावरण भी काफी संतुलित है। यहां मौसम न बहुत गर्म है और न बहुत ठंडा है। यह माहौल समाधान और समन्वय के लिए अनुकूल है।

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