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मुजफ्फरनगर से आए कारीगर हरिद्वार में सजा रहे हैं मनमोहक रावण के पुतले

Artisans from Muzaffarnagar are decorating charming effigies of Ravana in Haridwar.

हरिद्वार 8 अक्टूबर । देशभर में दशहरे का पर्व नजदीक आ रहा है, और इसके साथ ही रावण के छोटे-छोटे पुतले बाजार में सजने लगे हैं। हर जगह लोग रंग-बिरंगे रावण बनाकर बेचने के लिए रख रहे हैं। मुजफ्फरनगर से कारीगर अपने द्वारा बनाए गए छोटे और बड़े रावण के पुतले लेकर हरिद्वार पहुंचे हैं, जहां वे इन्हें कम दामों पर बेच रहे हैं।

कारीगर मोहम्मद नदीम ने आईएएनएस को बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान जब सभी लोग अपने घरों में कैद थे और दशहरे का कोई मेला आयोजित नहीं हो पा रहा था, तब उनके दिमाग में यह विचार आया कि क्यों न छोटे-छोटे रावण के पुतले बनाए जाएं। इस विचार के बाद से हर साल वे मुजफ्फरनगर से रावण बनाकर हरिद्वार लाते हैं। उनके रावण लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो गए हैं।

नदीम का कहना है कि वह हर साल इस परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए उत्साहित हैं। उन्हें खुशी होती है जब बच्चे और उनके परिवार उनके बनाए रावण को खरीदते हैं और उनका उत्सव मनाते हैं। यह रावण केवल पर्व का प्रतीक नहीं है, बल्कि इसे लेकर एक खास भावनात्मक जुड़ाव भी है।

मुजफ्फरनगर से ही आए एक अन्य कारीगर आकाश कुमार आईएएनएस से बात करते हुए बताते हैं कि वह हरिद्वार आकर पिछले चार साल से रावण तैयार करते हैं, फिर उन्हें सड़कों के किनारे लगाकर बेच देते हैं। हम इन रावण के पुतलों को बच्चों के हिसाब से तैयार करते हैं, क्योंकि बच्चे भी इस दिन खूब सारे रावण बनाते हैं पर उनसे अच्छे से नहीं बन पाते। इसलिए हम यह रावण तैयार करते हैं।

बता दें कि हरिद्वार में रावण की बिक्री बढ़ती जा रही है, और लोग इस पारंपरिक कला की सराहना कर रहे हैं। कारीगरों का मानना है कि इस प्रकार की गतिविधियों से न केवल उनकी आजीविका चलती है, बल्कि यह संस्कृति और परंपरा को भी जीवित रखने का एक तरीका है।

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